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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'I.N.D.I.A. गठबंधन एलीटों का क्लब, इसमें मेरी एंट्री अलाउ नहीं', आप की अदालत में बोले ओवैसी

'I.N.D.I.A. गठबंधन एलीटों का क्लब, इसमें मेरी एंट्री अलाउ नहीं', आप की अदालत में बोले ओवैसी

आप की अदालत में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इंडिया गठबंधन और मोहब्बत की दुकान को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने बताया कि गठबंधन में उन्हें क्यों नहीं शामिल किया गया।

 Aap Ki Adalat, AIMIM, Asaduddin Owaisi- India TV Hindi Image Source : INDIA TV आप की अदालत में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी

AAP KI ADALAT: इंडिया टीवी का चर्चित शो 'आप की अदालत' एक बार फिर एक नया मेहमान हाजिर हुए। इस बार देश की सबसे चर्चित अदालत में इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ आयर चेयरमैन रजत शर्मा के सवालों के घेरे में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी हैं। उन्होंने अपनी पार्टी और खुद की राजनीति पर पूछे गए कई सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीति पर भी उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि वह इंडिया गठबंधन का हिस्सा क्यों नहीं हैं तो उन्होंने गठबंधन के नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा कि वह सभी एलीट हैं, वे मुझे साथ क्यों लेंगे। 

पहले ही जारी हो चुका था फरमान- ओवैसी

ओवैसी ने कहा, "जब I.N.D.I.A. गठबंधन बन रहा था तब पहले ही फरमान जारी हो चुका था कि ओवैसी को अलाउ नहीं किया जाएगा। ये एलीट क्लब है भारत के सेक्युलर चौधरियों का तो मैं क्या करूं? मैं तो ट्विंकल, ट्विंकल, लिटिल स्टार हूं, मैं कहां जाऊं वहां पर। तो मैंने जिंदगी में यही सीखा है कि आपको दरवाजा तोड़कर घुसना पड़ेगा। मगर एक बात सुनिए। यूपीए की सरकार में 2004 से 2014 में जब कम्युनिस्ट पार्टी छोड़कर चली गई थी, तब कम्युनिस्ट पार्टी ने आडवाणी साहब के साथ वोट किया था मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ। असदुद्दीन ओवैसी ने मनमोहन सिंह के लिए वोट किया। तब मैं दूध का धुला था, अब अचानक कितना बदल गया।"

मेरे लिए बंद रहे मोहब्बत की दुकान- ओवेसी

इसके साथ ही आप की अदालत में जब ओवैसी से 'मोहब्बत की दुकान' को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए इस दुकान के दरवाजे बंद हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह दरवाजा मेरे लिए हमेशा बंद ही रहे, मैं तो यही चाहता हूं। मेरे लिए गरीब का दरवाजा खुला है। जो इंसाफ पसंद है उसका दरवाजा मेरे लिए खुला है। जब दिलों में हम आ चुके हैं तो ये अब उसका क्या करना है।  मैं तो कह रहा हूं कि वह दरवाजा बंद ही रहे हमेशा के लिए।

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