Aadhaar-Voter Card Link: सरकार ने वोटर आईडी कार्ड को लेकर 4 अहम फैसले लिए हैं। इन चारों फैसले के बारे में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर जानकारी दी। अब वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करवाना जरूरी हो गया है। सरकार ने यह फैसला फर्जी वोटर आईडी कार्ड को लेकर किया है। ऐसे में देखा जाता था कि एक ही व्यक्ति के कई वोटर आईडी कार्ड होते थे। जिसका गलत इस्तेमाल होता था। सरकार के इस फैसले से अब एक व्यक्ति के पास एक ही वोटर आईडी कार्ड होगा। यदि किसी के पास एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड पाए जाते हैं तो उन वोटर आईडी कार्ड को रद्द कर दिया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने वोटर आईडी कार्ड से जुड़े 3 और अहम फैसले लिए हैं। आइए जानते हैं और कौन से हैं वो बड़े 3 फैसले:
युवाओं को मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए 4 अवसर दिए गए
नए फैसले के मुताबिक 1 जनवरी को 18 साल की आयु पूरी करने वाले युवा मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा वोटर आईडी कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए वे साल में कुल 4 बार आवेदन दे सकते हैं। पहले यह व्यवस्था साल में एक बार के लिए थी जिससे वोटर आईडी कार्ड में नाम जुड़वाने के लिए युवाओं को पूरे 1 साल इंतजार करना पड़ता था। सरकार के इस फैसले से वोटर्स की संख्या बढ़ेगी।
चुनावी संबंधी कानून को लैंगिक रूप से न्यूट्रल बनाना
वोटर आईडी कार्ड को लेकर सरकार का एक और महत्वपूर्ण फैसला ये है कि अब वोटर आईडी कार्ड में पत्नी शब्द हटाकर जीवनसाथी शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे सर्विस वोटर के पत्नी या पति को वोट डालने के लिए सुविधा होगी। उन्हें वोट डालने के लिए आम आदमी से अलग हट कर विशेष सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। बता दें कि सर्विस वोटर उसे कहा जाता है जो दूर-दराज के इलाके में तैनात सैनिक हो या विदेश में स्थित भारतीय मीशन का हिस्सा हों।
चुनाव कराने के लिए आयोग किसी भी परिसर को ले सकता है
इस फैसले के तहत चुनाव आयोग चुनाव में लगे कर्मचारियों और सुरक्षाबलों को ठहराने के लिए या फिर चुनाव संबंधित सामग्री रखने के लिए किसी भी परिसर की मांग कर सकता है। इससे चुनाव में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों को सुविधा होगी।
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