इंश्योरेंस का पैसा, लालच और हत्या... शख्स ने पत्नी व एक सहयोगी संग की मिलते-जुलते शक्ल वाले भिखारी का मर्डर
कर्नाटक से हैरान कर देने वाला मामला सामने आ रहा है। यहां एक शख्स ने इंश्योरेंस का पैसों के खातिर ऐसा जाल बुना कि पुलिस वाले भी दंग रह गए।
कहते है लालच बुरी बला है, इसके चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए वरना आपको पछताना पड़ सकता है। कुछ ऐसा ही एक शख्स ने किया, अब उसे अपनी पूरी जिंदगी जेल में बितानी पड़ेगी। यह मामला कर्नाटक का है। यहां एक टायर की दुकान चलाने वाले शख्स ने इंश्योरेंस के पैसों के खातिर एक व्यक्ति की जान ले ली। इतना हीं नहीं पत्नी ने भी उसके इस काम में भरपूर साथ दिया। शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, जबकि पत्नी अभी फरार चल रही है। आरोपी का नाम मुनिस्वामी गौड़ा है।
पत्नी ने पति बताकर की पहचान
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने इंश्योरेंस के पैसों के खातिर एक अज्ञात व्यक्ति की हत्या के आरोप में मुनिस्वामी गौड़ा और ट्रक चालक देवेंद्र नायक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि मुनिस्वामी गौड़ा की पत्नी शिल्पारानी ने 13 अगस्त को एक शव की पहचान अपने पति के रूप में की। जिस व्यक्ति को उसने अपना पति बताया था, उसकी मौत गोल्लारहल्ली में सड़क के किनारे टायर पंक्चर होने के बाद उसे बदलते समय हुई थी। इतना ही नहीं शिल्परानी ने नाटकीय ढंग से उस व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया। जिससे सभी को यकीन हो गया कि गौड़ा की मौत सड़क दुर्घटना में हुई है।
इंश्योरेंस के पैसों के लिए रचा जाल
इसके बाद शिल्परानी ने इंश्योरेंस के पैसों के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी। हसन के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद सुजीता ने बताया कि बेंगलुरू ग्रामीण के होसोकोटे में रहने वाले दंपत्ति ने अपनी फाइनेंशियल दिक्कतों को सुलझाने के लिए यह योजना बनाई थी और गौड़ा ने कई जीवन बीमा पॉलिसियां खरीद रखी थीं और अपनी पत्नी को नामिनी बनाया था।
पुलिस के अनुसार, गौड़ा और शिल्पारानी ने एक भिखारी, जो उसके मुनिस्वामी गौड़ा की तरह थोड़ा-थोड़ा दिखता था, को अपने साथ सफर करने के लिए फुसलाया। इसके बाद टायर पंचर होने का बहाना बनाकर, गौड़ा ने भिखारी एक ट्रक के पहियों के नीचे धकेल दिया, जिसे नायक चला रहा था, ताकि यह एक सड़क दुर्घटना जैसा लगे। गौड़ा का प्लान पहले पूरी तरह सफल लग रहा था, लेकिन उससे एक चूक हो गई, इसके बाद मामले का खुलासा हुआ।
बस कर दी ये गलती
दरअसल, मुनिस्वामी गौड़ा अपने नकली अंतिम संस्कार के बाद अपने एक दूर के रिश्तेदार श्रीनिवास से मिलने गया था। श्रीनिवास, चिक्काबल्लापुरा के सिदलघट्टा पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर था। उसने गौड़ा को अपनी आखों से देखा तो उसे यकीन नहीं हुआ, इसके बाद तुरंत गंडासी पुलिस इंस्पेक्टर को इसकी सूचना दी। हसन पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर गौड़ा ने अपना अपराध कबूल कर लिया। उसने बताया कि टायर की दुकान चलाते समय उस पर कर्ज हो गया था और उसने सोचा कि इस दुर्घटना बीमा के पैसों लेने से उसकी फाइनेंशियल दिक्कत ठीक हो जाएंगी।
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