78th Independence Day: 'मेडिकल में अगले 5 साल में 75 हजार सीटें बढ़ेंगी', पीएम मोदी ने लाल किले से किया बड़ा ऐलान
78th Independence Day: पीएम मोदी ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कहा कि मेडिकल में अगले पांच साल में 75 हजार सीटें बढ़ेंगी।
78th Independence Day : मेडिकल के क्षेत्र में जाने की तैयारी करनेवाले छात्रों के लिए पीएम मोदी ने आज लाल किले से बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें ईजाद करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले 10 साल में सरकार ने एक लाख सीटों का सृजन किया है।
हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेकहा कि अगले पांच वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई के लिए 75 हजार नई सीटें सृजित की जाएंगी। उन्होंने 78वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में यह भी कहा कि विकसित भारत के साथ ही हमें स्वस्थ भारत बनाना होगा।
75 हजार नई सीटों का होगा सृजन
मोदी ने कहा, ‘‘हमने पिछले 10 साल में मेडिकल सीटों को करीब करीब एक लाख कर दिया। हर साल 25 हजार युवा मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाते हैं। वे ऐसे-ऐसे देशों में जाते हैं कि मैं सुनकर हैरान रह जाता हूं।’’उन्होंने घोषणा की, ‘‘हमने तय किया है कि अगले पांच साल में मेडिकल लाइन में 75 हजार नई सीटें बनाई जाएंगी।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हमने विकसित भारत की पहली पीढ़ी को ध्यान में रखकर पोषण अभियान शुरू किया है।’’
140 करोड़ ‘परिवारजन’ समृद्ध भारत भी बना सकते हैं: पीएम मोदी
इससे पहले पीएम मोदी ने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। आजादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है और यह देश उनका ऋणी रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘आज तो हम 140 करोड़ हैं। अगर 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़ सकते हैं, आजादी के सपने को पूर्ण कर सकते हैं, आजादी लेकर दिखा सकते हैं तो 140 करोड़ देशवासी, 140 करोड़ मेरे परिवारजन अगर संकल्प लेकर चल पड़ते हैं, एक दिशा निर्धारित करके चल पड़ते हैं, कदम से कदम मिलाकर और कंधे से कंधा मिलाकर अगर चल पड़ते हैं तो चुनौतियां कितनी भी क्यों ना हो, अभाव कितना भी तीव्र क्यों ना हो, संसाधनों के लिए जूझने की नौबत क्यों न हो तो भी हर चुनौती को पार करते हुए हम समृद्ध भारत बना सकते हैं।’’