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Hindi News भारत राष्ट्रीय Air Pollution: हर साल 70 लाख मौतें सिर्फ जहरीली हवा से, क्या आप हो रहे हैं इसके शिकार?

Air Pollution: हर साल 70 लाख मौतें सिर्फ जहरीली हवा से, क्या आप हो रहे हैं इसके शिकार?

Air Pollution: आज के समय में वायू प्रदुषण दुनिया के लिए चुनौती बन चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 70 लाख मौतें वायु प्रदूषण के कारण हो रही है।

Air Pollution - India TV Hindi Image Source : PTI Air Pollution

Highlights

  • दुनिया भर में हर साल लगभग 70 लाख मौतें वायु प्रदूषण के कारण हो रही है
  • देश में एक साल में लगभग 16 लाख लोगों की मौत हो गई थी
  • इस वजह से देश को 2.71 लाख करोड़ रूपये का नुकसान हुआ

Air Pollution: आज के समय में वायू प्रदुषण दुनिया के लिए चुनौती बन चुकी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में हर साल लगभग 70 लाख मौतें वायु प्रदूषण के कारण हो रही है। दस में से नौ लोग वर्तमान में डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित प्रदूषण सीमा से अधिक हवा में सांस ले रहे हैं। ऐसे में वायु प्रदूषण से सबसे ज्यादा नुकसान विकासशील देशों को हो रहा हैं। इन देशों में विकास अपने गति पर है ऐसे में हर रोज नए कारखाने खुल रहे हैं जिनके कारण हवाओं में दुषित केमिकल मिल रहे हैं और इन्हीं केमिकलों के वजह से हवाएं जहरीली बन रही हैं। इसका मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या और आधुनिक औद्योगीकरण, अंधाधुंध वनों की कटाई, वाहनों की बढ़ती संख्या जैसे कई कारक हवा को प्रदूषित करने का काम करते हैं। हवा में बढ़ते हानिकारक पदार्थ इंसानों के शरीर में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर रहे हैं। खासतौर पर शहरों के अधिक लोग शिकार हो रहे हैं। दिल्ली, मुबंई, कोलकता जैसे शहरों में सांस लेना मुश्किल हो जाता है। देश की राजधानी दिल्ली इसमें सबसे ऊपर आती है यहां हर साल ऐसी समस्या होती है। 

हवाओं को जहरीली बनाने में वाहनों का योगदान 
वायु प्रदूषण से दीर्घकालिक स्वास्थ्य प्रभावों में हृदय रोग, फेफड़े का कैंसर और श्वसन रोग शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा, वायु प्रदूषण लंबे समय में लोगों की नसों, मस्तिष्क, गुर्दे, यकृत और अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकता है। कुछ वैज्ञानिकों को संदेह है कि वायु प्रदूषक भी जन्म दोष का कारण बनते हैं। वायु गुणवत्ता मापने के लिए AQI का उपयोग किया जा सकता है। जब एक्यूआई अस्वस्थ क्षेत्रों में हो, तो बाहरी गतिविधियों से बचने की कोशिश करें, खासकर यातायात क्षेत्रों के पास। घर के भीतर रहें। या, जब आप बाहर जाएं तो मास्क पहनें। मास्क हानिकारक कणों को शरीर में प्रवेश करने से रोक सकते हैं। वायु प्रदूषण में परिवहन का सबसे बड़ा योगदान है। ऐसे में जहां तक ​​हो सके निजी वाहन का इस्तेमाल करने की बजाय सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का इस्तेमाल करें। ऐसे में ईंधन की खपत को कम करके वायु प्रदूषण से होने वाली बीमारियों को नियंत्रित किया जा सकता है। हालांकि एयर प्यूरीफायर सभी प्रदूषकों को नहीं हटाते हैं, लेकिन वे इनडोर वायु गुणवत्ता में सुधार कर सकते हैं। ऐसे में एयर प्यूरीफायर का चयन आपके लिए वायु प्रदूषण के जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही इसके फिल्टर को नियमित रूप से बदलते रहें। ऐसे में हवा की गुणवत्ता में सुधार होगा और ऊर्जा की खपत भी कम होगी। अकाल मृत्यु दमा दिल की बीमारी आघात फेफड़ों का कैंसर फेफड़ों को नुकसान संक्रमण क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) सूजन और जलन घरघराहट खांसी और सांस की तकलीफ

भारत में कितनी मौतें 
आप जानकार हैरान हो जाएंगे, एक रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में एक साल में लगभग 16 लाख लोगों की मौत हो गई थी। इस वजह से देश को 2.71 लाख करोड़ रूपये का नुकसान हुआ है। कोरोन के आने के बाद जब देश में लॉकडॉउन लगाया गया तो उस समय एक अच्छी रिपोर्ट आई थी कि दुनिया भर में देशों की हवाओं में काफी स्वच्छता हो गई थी। 

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