रूसी सेना से भारतीयों के नौकरी खत्म करने की मांग पर विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमें लगभग 50 भारतीय नागरिकों के बारे में पता है जो वर्तमान में रूसी सेना में अपनी नौकरी खत्म करना चाहते हैं। ये ऐसे मामले हैं जहां व्यक्ति या उसके परिवार के सदस्यों ने उनकी शीघ्र बर्खास्तगी सुनिश्चित करने में सहायता के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है। इसको लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय कई स्तरों पर काम कर रहा है।
पीएम मोदी ने भी रूसी दौरे में उठाया था ये मामला
इसके साथ ही विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रणधीर जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रूस की अपनी यात्रा के दौरान इस मामले को उठाया था। रूसी पक्ष ने हमारे अनुरोध पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। दोनों पक्ष भारतीय नागरिकों की शीघ्र वहां से सेना में नौकरी खत्म कर निकालने के लिए काम कर रहे हैं।
घर वापसी सुनिश्चित करने का राष्ट्रपति पुतिन से वादा
पीएम मोदी के रूस दौरे में रूसी सेना में सहायक कर्मचारियों के रूप में काम कर रहे भारतीय नागरिकों की नौकरी खत्म कर घर वापसी सुनिश्चित करने का वादा किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समक्ष इस मुद्दे को बहुत जोरदार ढंग से उठाया है।
मॉस्को से की गई कार्रवाई की मांग
पिछले दिन इस मुद्दे पर तत्कालीन विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा था कि दोनों पक्ष इस बात पर काम करेंगे कि भारतीयों को कितनी जल्दी वापस लाया जा सकता है। पिछले महीने विदेश मंत्रालय ने कहा था कि रूसी सेना में सेवारत भारतीय नागरिकों का मुद्दा बेहद चिंता का विषय बना हुआ है और इस पर मास्को से कार्रवाई की मांग की गई थी।
10 को लाया गया वापस
इसके पहले विदेश मंत्रालय ने कहा कि था कि हमें सही संख्या के बारे में पता नहीं हैं। फिर भी हमारा अनुमान है कि रूसी सेना में काम करे भारतीय नागरिक लगभग 35 से 50 के बीच होंगे, जिनमें से 10 को वापस लाने में कामयाब रहे हैं।
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