नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पिछले एक साल के दौरान विदेश मंत्री के विदेश दौरों पर 5,25,91,827 रुपये खर्च किए हैं। गुरुवार को राज्यसभा में विदेश मंत्रालय के एक लिखित जवाब के अनुसार, विदेश यात्राओं का उद्देश्य विदेशों के साथ घनिष्ठ संबंधों को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भारत की भागीदारी को बढ़ावा देना रहा है। ऐसी यात्राओं के द्वारा भारत अपने राष्ट्रीय हित को पूरा करता है और विदेश नीति के उद्देश्यों को लागू करता है। इन यात्राओं से उच्चतम स्तर पर विदेशी भागीदारों के बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भारत के दृष्टिकोण की समझ बढ़ी है।
इन यात्राओं ने भारत को भागीदार देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने और भारत के दृष्टिकोण को सामने रखने और सुधारित बहुपक्षवाद, शांति और सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय अपराध, आतंकवाद, साइबर सुरक्षा, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा आदि जैसे वैश्विक मुद्दों पर एजेंडा को आकार देने में सक्षम बनाया है, जबकि वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने के लिए भागीदारों के लिए भारत के अपने अनूठे समाधानों की पेशकश की है।
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ये दौरे और उनमें हुए समझौते भारत को व्यापार और निवेश, प्रौद्योगिकी और रक्षा सहयोग सहित कई क्षेत्रों में भागीदार देशों के साथ संबंधों को मजबूत करने में सक्षम बनाते हैं। जवाब में कहा गया है कि इस तरह के परिणाम आर्थिक विकास और हमारे लोगों की भलाई को बढ़ावा देने के लिए भारत के राष्ट्रीय विकास एजेंडे में भी योगदान करते हैं और जी20 जैसे मंचों में विकासशील देशों के हितों को सामने रखते हैं।
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