पश्चिम एशिया इस वक्त जंग के दौर से गुजर रहा है। एक तरफ हमास, हिजबुल्लाह, हूती और ईरान हैं तो वहीं, दूसरी ओर इजरायल अकेले ही इन सभी से लोहा ले रहा है। जंग के बीच शुक्रवार को भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री नेतृत्व में विदेश मंत्रालय के डेलिगेशन ने संसदीय समिति को पूरी जानकारी सौंपी है। विदेश मंत्रालय के डेलिगेशन ने पश्चिमी एशिया में जंग के साथ ही भारत और चीन के बीच हुए समझौते और भारत-कनाडा राजनयिक विवाद के बारे में भी संसदीय समिति को जानकारी दी है।
इजरायल में कितने भारतीय लोग?
विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल ने संसदीय समिति को बताया है कि इजरायल में वर्तमान में करीब 30 हजार भारतीय लोगों के होने का अनुमान हैं। भारत और इजरायल के बीच हुए समझौते के तहत निर्माण क्षेत्र के लगभग 9,000 श्रमिक और 700 कृषि श्रमिक वहां गए हैं। डेलिगेशन ने समिति को इजरायल में मौजूद भारतीय नागरिकों की मदद करने के अपने प्रयासों के बारे में भी जानकारी दी है। साथ ही पीएम मोदी के रुख को भी दोहराया कि भारत चाहता है कि संकट को बातचीत के माध्यम से हल किया जाए।
चीन से समझौैते और कनाडा से तनाव पर भी चर्चा
जानकारी के मुताबिक, संसदीय समिति की बैठक में सदस्यों ने पूर्वी लद्दाख में सीमा संकट के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच हुए समझौते का भी विषय उठाया। इसके साथ ही भारत-कनाडा संबंधों में कड़वाहट पर भी बात की गई। बैठक में अधिकारियों ने दोनों ही मुद्दों पर जवाब दिया। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत और चीन के बीच हुआ समझौता 2020 में सीमा संकट से पहले की स्थिति को बहाल करेगा।
शशि थरूर कर रहे थे अध्यक्षता
संसद की स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद शशि थरूर कर रहे थे। बैठक के संपन्न होने के बाद शशि थरूर ने कहा कि यह एक सार्थक बैठक थी। इसमें इजरायल और फिलिस्तीन पर भारत के रुख पर भी विस्तृत चर्चा हुई है। थरूर ने विदेश सचिव मिस्री को इसके लिए धन्यवाद कहा है। (इनपुट: भाषा)
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