3 years of Pulwama Attack: पुलवामा अटैक: जानिए कहां तक पहुंची जांच, अटैक के बाद क्या-क्या घटित हुआ
कृतज्ञ राष्ट्र आज देश आज पुलवामा में हुए सीआरपीएफ जवानों पर हमले की तीसरी बरसी पर शहीदों को नमन कर रहा है। पुलवामा में शहीद इन जवानों पर हुए अटैक ने मानवीयता की सारी हदें पार कर दी थीं। देश का खून खौल रहा था कि कैसे इसका बदला लिया जाए, तब पीएम मोदी ने ताल ठोंककर राष्ट्र को भरोसा दिलाया था कि पाक ने बड़ी गलती कर दी है,बदला लेकर रहेंगे। इसके बाद बालाकोट में बम गिराए गए।
Highlights
- करीब 2500 जवानों को लेकर 78 बसों में सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था
- एसयूवी जवानों के काफिले से टकराई, वैसे ही उसमें विस्फोट हो गया
- बड़ा प्रश्न कि कहां से आया था विस्फोट हाई क्वालिटी का विस्फोटक
3 years of Pulwama Attack: कृतज्ञ राष्ट्र आज देश आज पुलवामा में हुए सीआरपीएफ जवानों पर हमले की तीसरी बरसी पर शहीदों को नमन कर रहा है। पुलवामा में शहीद इन जवानों पर हुए अटैक ने मानवीयता की सारी हदें पार कर दी थीं। देश का खून खौल रहा था कि कैसे इसका बदला लिया जाए, तब पीएम मोदी ने ताल ठोंककर राष्ट्र को भरोसा दिलाया था कि पाक ने बड़ी गलती कर दी है,बदला लेकर रहेंगे। इसके बाद बालाकोट में बम गिराए गए। दरअसल, इन सभी घटनाओं का एक सिलसिला है। पुलवामा अटैक के बाद क्या कुछ घटित हुआ। हम इन सब बातों को आज पुलवामा की तीसरी बरसी पर एक-एक करके सिलसिलेवार तरीके से समझेंगे।
14 फरवरी 2019: 78 बसों में बैठे थे 2500 जवान, हुआ कायराना हमला
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से करीब 2500 जवानों को लेकर 78 बसों में सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था। सड़क पर उस दिन भी सामान्य आवाजाही थी। सीआरपीएफ का काफिला पुलवामा पहुंचा ही था, तभी सड़क की दूसरे तरफ से आ रही एक कार ने सीआरपीएफ के काफिले के साथ चल रहे वाहन में टक्कर मार दी। जैसे ही सामने से आ रही एसयूवी जवानों के काफिले से टकराई, वैसे ही उसमें विस्फोट हो गया। इस घातक हमले में सीआरपीएफ के 40 बहादुर जवान शहीद हो गए और इस विस्फोट की आग से देश जल गया।
26-27 फरवरी 2019: वो दरमियानी रात, जब बालाकोट में दागे ताबड़तोड कई बम
26 फरवरी की देर रात और 27 फरवरी की सुबह करीब 3 बजे भारतीय विमान पाकिस्तानी सीमा में दाखिल हुए और बालाकोट में जैश के ठिकानों पर ताबड़तोड़ कई बम दागे। पाकिस्तान ने मौके की गंभीरता को देखते हुए अपने एफ-16 विमान एक्टिव किए, लेकिन तब तक भारतीय वायुसेना अपना काम कर चुकी थी। भारत की ओर से इस हमले में सैकड़ों की संख्या में आतंकवादियों के मारे जाने का दावा किया गया। वहीं, देश के लोगों ने इस सर्जिकल स्ट्राइक को सराहनीय कदम बताया था।
पुलवामा अटैक: पहले 5 दिन लगातार पीएम मोदी ने दिलाया था बदले का भरोसा
पुलवामा अटैक की तैयारियां अंदर ही अंदर चल रही थीं। वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी देश के आक्रोश पर स्ट्राइक करने से पहले लगभग रोज भरोसे वाले बयान दे रहे थे।
14 फरवरी 2019
सुबह प्रधानमंत्री आवास पर कैबिनेट कमीटी ऑन सिक्योरिटी की बैठक हुई। बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सेना को फ्री हैंड दे दिया गाय है। हमें अपने सैनिकों पर पूरा भरोसा है।
15 फरवरी :
मैं आतंकी संगठनों को और उनके सरपरस्तों को कहना चाहता हूं कि वो बहुत बड़ी गलती कर गए हैं। मैं देश को भरोसा देता हूं कि हमले के पीछे जो ताकते हैं, इस हमले के जो भी गुनहगार हैं, उन्हें उनके किए की सज़ा अवश्य मिलेगी।
16 फरवरी :
महाराष्ट्र के धुले और यवतमाल में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि "पुलवामा हमले के मुजरिमों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा और दुनिया को महसूस होगा कि भारत अब नया भारत है जिसकी नई दूरदर्शिता है और हर आंसू का बदला लिया जाएगा।
17 फरवरी :
बिहार के बरौनी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जो आग आपके दिल में है वही आग मेरे दिल में भी है।
18 फरवरी :
पीएम मोदी ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमला बताता है कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच वार्ता का समय समाप्त हो गया है। उन्होंने विश्व समुदाय से एकजुट होकर आतंकवाद और उसे समर्थन देने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करने का आह्वान किया।
जब विंग कमांडर अभिनंदन ने गिराया एफ 16 विमान
भारतीय वायुसेना के मिग-21 ने पाकिस्तानी वायुसेना के एक एफ़-16 को मार गिराया। बहादुर अभिनंदन ने पाक एफ 16 विमाना को मार गिराया, लेकिन इस दौरान वे लाइन आॅफ कंट्रोल के उस तरह विमान गिरने से कूद गए। पाकिस्तान ने विंग कमांडर अभिनंदन को गिरफ़्तार कर दो दिनों के बाद रिहा कर दिया। इस हवाई हमले के बाद पाकिस्तान की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय सैन्य विमानों ने मुजफ्फराबाद के पास उनके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया।
अक्टूबर 2019 में मिला पहला राफेल, 20 जुलाई 2020 में भारत पहुंचा
पाक पर बालाकोट में हमले के पहले से ही राफेल की दरकार भारतीय वायुसेना को थी, लेकिन बालाकोट हमले बाद उसी साल यानी अक्टूबर 2019 में भारत को पहला राफेल मिला। रूस में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रथम राफेल लड़ाकू विमान सौंपे जाने के समारोह के दौरान उसकी पूजा की। राफेल की पूजा का फोटो और वीडियो काफी चर्चित रहा था। राफेल जेट का पहला जत्था 29 जुलाई, 2020 को पहुंचा था ।
14 फरवरी 2020: शहीदों की याद में लेथपुरा कैंप में बनाया स्मारक
पुलवामा: 40 हजार किलोमीटर का सफर तय करके देशभर से 40 उन शहीद जवानों के घर से मिट्टी स्मारक पहुंची। 40 जवानों की याद में लेथपुरा कैंप में एक स्मारक बनाया इस दिन राष्ट्र को समर्पित किया। सीआरपीएफ का लेथपुरा कैंप घटनास्थल के करीब है उसी के अंदर यह स्मारक बनाया गया।
जुलाई 2020: 1 राफेल से 26 राफेल तक पहुंचे
रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने जुलाई 2020 में कहा कि भारत को दसां एविएशन से कुल 26 राफेल विमान प्राप्त हो चुके हैं। 36 में से 26 विमान पुलवामा हमले के करीब -करीब एक-सवा साल के भीतर हमें प्राप्त हो गए।
जानिए आखिर कहां तक पहुंची जांच
पुलवामा हमले की जांच के लिए अमेरिकी जांच एजेंसी FBI ने भी NIA की मदद की थी। एनआईए ने चार्जशीट में बताया था कि इस आतंकी घटना को अंजाम देने में जैश-ए-मोहम्मद ने आईएसआई के अलावा पाकिस्तान की सरकारी एजेंसी की भी मदद ली थी।
ये सवाल जो हैं अनसुलझे
पुलवामा आतंकी हमले की जांच कर रही एनआईए अभी तक यह पता नहीं लगा सकी है कि आत्मघाती हम हमलावर ने कार में रखने के लिए इतने उच्च कोटि के विस्फोटक को कहां से हासिल किया। 14 फरवरी 2019 को जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी आदिल अहमद डार ने अपनी विस्फोटकों से लदी कार को पुलवामा के नजदीक श्रीनगर हाइवे पर सीआरपीएफ की बस से टकरा दिया था। फरेंसिक विशेषज्ञों की रिपोर्ट के मुताबिक पुलवामा हमले में 25 किलो प्लास्टिक विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा कि जिन विस्फोटकों को कार में रखा गया था, उनमें अमोनियम नाइट्रेट, नाइट्रोग्लीसरीन और आरडीएक्स शामिल था।
अगस्त 2020: लंबी जांच के बाद 13,500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल हुई
एक लंबे समय तक इस घटना की जांच चलती रही और चार्जशीट दाखिल करने में एक साल से ज्यादा की देर को लेकर विपक्ष और कई लोग सरकार पर सवाल उठाते रहे। हालांकि एनआईए ने मामले की पूरी छानबीन और गहन जांच के बाद अगस्त 2020 में 13,500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर समेत 19 आतंकी और सहयोगियों को आरोपी बनाया गया। मुख्य हमलावर आदिल अहमद डार महज 23 साल का था. वह पुलवामा के काकापोरा का रहने वाला था। घटना को अंजाम देने के एक साल पहले ही वर्ष 2018 में वह जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था।
चार्जशीट में जिन आतंकियों को आरोपी बनाया गया था, उनमें से आदिल अहमद डार, सज्जाद अहमद भट, मुदसिर अहमद खान, कारी यासिर, कामरान अली और उमर फारूक मारे जा चुके थे. 7 आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. मसूद अजहर, अम्मार अल्वी और असगर अल्वी पाकिस्तान में हैं. जबकि समीर अहमद डार, मोहम्मद इस्माइल अल्वी और अशाक अहमद फरार थे। 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद जैश ने वीडियो जारी कर इसकी जिम्मेदारी ली थी. फोरेंसिक रिपोर्ट और आईपी एड्रेस से सामने आया था कि ये वीडियो पाकिस्तान से जारी किया गया है. भारत पहले दिन से ही इस हमले को पाकिस्तान समर्थित आतंकी हमला बता रहा था. लेकिन पाकिस्तान ने तो ये बातें मानी ही नहीं. भारत ने जब जब बालाकोट एयर स्ट्राइक (Balakot Air Strike) की तो भी पाकिस्तान ने मानने से इनकार कर दिया कि उसकी सरजमीं पर आतंकी पल रहे हैं।
16 जनवरी 2022: चार्जशीट में बताया कि पाक की आईएसआई ने बनाया नया आतंकी संगठन
16 जनवरी 2022 को NIA ने इस हमले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की। इसमें बताया गया है कि पुलवामा हमले में पाकिस्तान का हाथ होने की बात नकारने के लिए ISI ने लश्कर-ए-मुस्तफा (LeM) नाम के आतंकी संगठन को बनाया था। ये प्लान मसूद अजहर के भाई मुफ्ती उर्फ अब्दुल रौफ का था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लश्कर-ए-मुस्तफा में बिहार और यूपी से हथियारों की तस्करी के नाम पर युवाओं को भर्ती किया जाता था। बाद में इनसे आतंकी गतिविधियां करवाई जाती थीं। ऐसा बताने की कोशिश की गई कि पुलवामा हमले के पीछे जैश नहीं बल्कि लश्कर-ए-मुस्तफा है और इसमें भारतीय युवा ही शामिल हैं।