विज्ञान और प्रौद्योगिकी की होगी 21वीं सदी, विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए इस मार्ग पर चलना जरूरी: PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 वीं सदी अब प्रौद्योगिकी के लिए जानी जाएगी। जिस देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महारत हासिल नहीं की, वह पीछे छूट जाएगा। इसलिए 2047 तक भारत को विकसित करना है तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मार्ग पर देश को आगे बढ़ना होगा। चंद्रयान-3 की सफलता से युवाओं को जोड़ना होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि 21वीं सदी विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महारत हासिल करने वाले देशों की होगी। इसलिए यदि 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करना है तो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मार्ग पर चलना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से उत्पन्न उत्साह का उपयोग 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए युवाओं के बीच वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने के लिए करना होगा। चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाने और दो देशों की यात्रा से लौटने पर प्रधानमंत्री के स्वागत के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा यहां हवाई अड्डे पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और यूनान की यात्रा के दौरान उन्हें चंद्र मिशन की सफलता पर कई बधाई संदेश मिले।
दिल्ली हवाई अड्डे पर भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा और राष्ट्रीय राजधानी के लोकसभा सदस्यों ने मोदी का स्वागत किया, जबकि चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के उतरने का जश्न मनाने के लिए बड़ी संख्या में लोग समारोह में एकत्रित हुए थे। प्रधानमंत्री ने शनिवार सुबह बेंगलुरु में अपने संक्षिप्त दौरे का भी उल्लेख किया, जिस दौरान उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों से मुलाकात की और अंतरिक्ष यान के लैंडिंग बिंदु का नाम "शिवशक्ति" रखने का निर्णय लिया। उन्होंने यह भी कहा कि जिस स्थान पर चंद्रयान-2 दुर्घटनाग्रस्त होकर चंद्रमा पर उतरा था, उसे "तिरंगा" नाम दिया गया है। मोदी ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता से उत्पन्न उत्साह का इस्तेमाल युवाओं में वैज्ञानिक सोच विकसित करने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें नयी पीढ़ी को विज्ञान की ओर आकर्षित करना है।
प्रौद्योगिकी आधारित है 21वीं सदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी आधारित है और केवल वही देश आगे बढ़ेगा जिसने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महारत हासिल कर ली है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘अगर हमें 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करना है तो समय की मांग है कि हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के मार्ग पर अधिक मजबूती से आगे बढ़ें।'' उन्होंने कहा कि नयी पीढ़ी को जीवन में वैज्ञानिक सोच जल्द अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। उन्होंने कहा कि सुशासन, अंतिम छोर तक सेवाओं को पहुंचाना और आम लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "मैंने विभिन्न विभागों को प्रतिक्रिया सेवाएं त्वरित तौर पर और पारदर्शिता एवं पूर्णता के साथ प्रदान करने के लिए अंतरिक्ष विज्ञान, उपग्रहों की शक्ति का उपयोग करने का निर्देश दिया है।
’’ इससे पहले, मोदी की वापसी पर उनका स्वागत करते हुए भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और निर्देशन ने चंद्रयान-3 को एक सफल परियोजना बना दिया है। नड्डा ने कहा, "यह आपकी प्रतिबद्धता और समर्पण का प्रतिबिंब था कि आप सीधे बेंगलुरु गए और इसरो वैज्ञानिकों से मिले जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की।" उन्होंने कहा, ‘‘आज देश ने विज्ञान और अंतरिक्ष के क्षेत्र में खुद को स्थापित कर लिया है। दुनिया भारत के विज्ञान और अनुसंधान की सराहना कर रही है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन ने हमें इस क्षण को अनुभव करने का अवसर दिया है। (भाषा)
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