फिरोजाबाद : फिरोजाबाद जिले के मटसेना क्षेत्र में मंगलवार शाम जिला नगरीय विकास प्राधिकरण (डूडा) के पूर्व परियोजना अधिकारी के खिलाफ प्रधानमंत्री आवास योजना के धन में एक करोड़ 92 लाख रुपये की हेराफेरी के आरोप में मामला दर्ज किया गया। परियोजना अधिकारी सुभाष वीर सिंह ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों को घर बनाने के लिए सरकार द्वारा ढाई लाख रुपये की सहायता तीन किस्तों दी गई थी।
फरवरी 2017 से लेकर जुलाई 2019 तक जिले में तैनात रहे डूडा के साथ परियोजना अधिकारी अनुपम गर्ग पर आरोप है कि उन्होंने 221 लाभार्थियों के खाते में तीन से अधिक किस्तें भेज दी। इस तरह लगभग एक करोड़ 92 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया। उन्होंने बताया कि शिकायत के आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी जे. सेल्वा कुमारी ने इस मामले का पर्दाफाश किया तो गर्ग को लाभार्थियों से जारी अतिरिक्त धन की वसूली का मौका दिया गया। उन्होंने काम शुरू किया, लेकिन इसी बीच गर्ग को उनके मूल विभाग उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड में वापस भेज दिया। अब भी 69 लाभार्थियों से 53.36 लाख रुपये की वसूली होनी बाकी है। सिंह ने बताया कि मंगलवार शाम जिलाधकारी चंद्र विजय सह के आदेश पर उन्होंने गर्ग के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
क्या है प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण)?
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) पीएम मोदी द्वारा वर्ष 2015 में लांच की गई थी। ग्रामीण आवास योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को घर की मरम्मत करवाने एवं घर बनवाने के लिए आर्थिक सहायता मुहैया करवाई जाती है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण नरेंद्र मोदी द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में शुरू की गई थी।
यह केंद्र सरकार द्वार चलाई जाने वाली योजना है, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 2022 तक ज्यादा से ज्यादा परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत सरकार बिजली की आपूर्ति और स्वच्छता जैसी सभी बुनियादी सुविधाओं की विशेषता वाले पक्के घरों के निर्माण के लिए पैसे की सहायता प्रदान करती है।
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