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Hindi News भारत राष्ट्रीय IAS अधिकारी के लिए 16 सेकेंड का वीडियो कॉल बना मुसीबत, संकट में बीते 18 महीने

IAS अधिकारी के लिए 16 सेकेंड का वीडियो कॉल बना मुसीबत, संकट में बीते 18 महीने

भारत के डिजिटल होने के साथ ही फर्जीवाड़े की घटनाएं इस कदर बढ़ गई हैं कि कोई भी इससे अछूता नहीं है। आज कल फेक वीडियो कॉल्स के जरिए लोगों को ऐसी-ऐसी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है कि उनका पारिवारिक जीवन उजड़ जाता है और वह खुद गंभीर तनाव में जीने लगते हैं।

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एक वीडियो कॉल जो किसी इंसान को इस कदर परेशान कर सकता है कि वह 18 महीने तक ठीक से सो न पाए। ऐसा ही मामला एक IAS अधिकारी के साथ हुआ है जो उनके लिए परेशानी का सबब बन गया। यह वीडियो मात्र 16 सेकेंड का था लेकिन इस वीडियो कॉल में ऐसा क्या था कि एक IAS अधिकारी की रातों की निंद छीन गई तो वहीं उनका पारिवारिक जीवन संकट में है और वह गंभीर तनाव में हैं। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इस वीडियो में था क्या?

ये था पूरा मांजरा

पिछले साल फरवरी में अधिकारी को एक महिला का वीडियो कॉल आया था। दस मिनट से भी कम समय के बाद उन्हें आपत्तिजनक स्थिति में महिला के साथ अपनी मॉफ्र्ड तस्वीर मिली। इससे पहले कि वह कुछ समझ पाते, तस्वीरें उनकी तीन बेटियों और पत्नी को व्हाट्सएप पर भेज दी गई थीं। इसके बाद इस्तेमाल किया गया नंबर अन रिचेबल बताने लगा। फिर उनके लैंडलाइन नंबर पर कॉल आया कि अगर वह तस्वीरें वायरल नहीं करना चाहते तो पांच लाख रुपए देने पड़ेंगे।

अधिकारी ने साइबर सेल से संपर्क किया जो काम पर उतर गई। कॉल करने वालों का पता लगाया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया, लेकिन वे पांच महीने के भीतर जमानत पर छूट गए। उन्होंने कहा, "ऐसा होने के बाद से मैं सोया नहीं हूं। मैं अपनी बेटियों और अपनी पत्नी का सामना नहीं कर सकता, हालांकि वे जानते हैं कि तस्वीरें बदली हुई हैं। हर अनजान कॉल मुझे परेशान करती है और मेरा जीवन गहरे संकट की स्थिति में है।"

उत्तर प्रदेश 'न्यूड वीडियो कॉल के लिए एक बड़े बाजार' के रूप में उभरा

उत्तर प्रदेश साइबर क्राइम एसपी, त्रिवेणी सिंह ने बताया कि साइबर दुनिया में आज अधिकतम अपराध न्यूड तस्वीरों से संबंधित हैं जिन्हें वीडियो कॉल से मॉर्फ किया गया है। आप एक वीडियो कॉल का जवाब देते हैं और स्कैमर्स स्क्रीन शॉट्स लेते हैं और उन्हें न्यूड में मॉर्फ करते हैं जो ब्लैकमेल करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के सबसे ज्यादा मामले आज उत्तर प्रदेश में सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा, "मुझे यकीन है कि ऐसे और भी कई मामले हैं जो सामाजिक कलंक के कारण रिपोर्ट नहीं किए जाते हैं।"

Image Source : IndiaTVWhatsapp Spam Calls

खतरे को कैसे रोका जाए

इस सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि मैं लोगों को सलाह दूंगा कि वे अज्ञात कॉल करने वालों का जवाब न दें। आप अपने दोस्तों को कॉल करने से पहले आपको मैसेज करने के लिए कह सकते हैं, ताकि आपको पता चल सके कि कॉल कहां से आ रही है। उन्होंने वीडियो कॉल करने और रिसिव करने के खिलाफ चेतावनी दी, जो घोटालेबाज को पीड़ित के स्क्रीन शॉट्स लेने की अनुमति देता है और फिर उन चित्रों को मॉर्फ करता है, जिनका उपयोग पैसे निकालने के लिए किया जाता है।

लोगों को ठगने का एक और नया तरीका है 'साइटें खरीदें और बेचें'

त्रिवेणी सिंह, जो एक प्रमाणित एथिकल हैकर (सीईएच) और ईसी-काउंसिल यूएसए से कंप्यूटर हैकिंग फोरेंसिक अन्वेषक (सीएचएफआई) हैं और उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद से डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन में सर्टिफिकेट कोर्स किया है और फोरेंसिक अकाउंटिंग में सर्टिफिकेट कोर्स भी किया है। और वेस्ट वर्जीनिया यूनिवर्सिटी (यूएसए) के फ्रॉड एग्जामिनेशन ने कहा कि खरीदारों को लुभाने के लिए आकर्षक कीमतों पर सामान की पेशकश की जाती है और जिस मिनट आप क्यूआर कोड को स्कैन करते हैं, आप अपना पैसा खो देते हैं। उन्होंने कहा, "हाल ही में हमने पाया है कि इंसटैंट लोन की पेशकश लोगों को धोखा देने का एक और तरीका है। प्रस्ताव हास्यास्पद रूप से कम ब्याज दरों के साथ आते हैं और जैसे ही कोई व्यक्ति लिंक पर क्लिक करता है, उसके साथ तुरंत ही धोखाधड़ी हो जाती है और उसके सारे पैसे चले जाते हैं।

बिजली बिल के नाम पर भी हो रहा फ्रॉड

Image Source : IndiaTVFraud Calls On the name of Electricity Bills

उपभोक्ताओं को यह संदेश देना कि उन्हें बकाया बिलों के कारण बिजली कटौती का सामना करना पड़ेगा, धोखाधड़ी का एक और तेजी से लोकप्रिय तरीका है। एक बिजनेसमैन आशुतोष सिन्हा को हाल ही में ऐसा ही एक मैसेज मिला है। उन्होंने कहा, "मैंने सोचा था कि हो सकता है कि मेरे कर्मचारियों ने नियत तारीख तक बिल का भुगतान नहीं किया हो, इसलिए मैंने लिंक पर क्लिक किया और एक फॉर्म पर निर्देशित किया गया जिसे मैंने भरा था। फॉर्म में मेरे बिजली बिल नंबर और डेबिट कार्ड की जानकारी मांगी गई थी। मैंने बिना किसी संदेह के दिया। कुछ ही मिनटों बाद मुझे अपने बैंक से एक संदेश मिला, जिसमें बताया गया था कि मेरे खाते से 75,555 रुपये काट लिए गए हैं।" सिन्हा ने शिकायत दर्ज कराई, लेकिन नंबर अब अस्तित्व में नहीं था और कॉल ओडिशा से जुड़ी हुई थी।

कोई भी अज्ञात नंबर से वीडियो कॉल या मैसेज का रिप्लाई न करें -बचने का एक मात्र तरीका

साइबर अपराध के मामलों से निपटने वाले एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि स्कैमर्स आमतौर पर विभिन्न राज्यों से कॉल को बाउंस कर देते हैं, जिससे उन्हें पिन करना बेहद मुश्किल हो जाता है। यह पूछे जाने पर कि लोग फंसने से कैसे बच सकते हैं, त्रिवेणी सिंह ने कहा कि अज्ञात कॉल, वीडियो कॉल और अज्ञात मेल का जवाब न देना ही घोटाले को रोकने का एकमात्र तरीका है। उन्होंने कहा, "हम साइबर अपराध के मुद्दे पर लोगों में जागरूकता पैदा कर रहे हैं। लोग फोन का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह नहीं जानते कि इससे उन्हें कैसे ठगा जा सकता है। चीनी ऐप्स भी ठगे जाने की चपेट में आ जाते हैं।" उन्होंने कहा कि साइबर सेल में तैनात पुलिस कर्मियों को प्रौद्योगिकी के उपयोग में उन्नत प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उपकरण प्रशिक्षण भी प्राथमिकता के आधार पर प्रदान किया जा रहा है।

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