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Hindi News भारत राष्ट्रीय दुर्लभ खगोलीय घटना, आज यहां नहीं दिखेगी अपनी परछाई

दुर्लभ खगोलीय घटना, आज यहां नहीं दिखेगी अपनी परछाई

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में लोगों ने शुक्रवार को शून्य छाया दिवस (जीरो शैडो डे) का अनुभव किया। कटक के लोग आज इस घटना का अनुभव कर सकते हैं।

<p>दुर्लभ खगोलीय घटना,...- India TV Hindi Image Source : TWITTER- ANI दुर्लभ खगोलीय घटना, आज यहां नहीं दिखेगी अपनी परछाई

भुवनेश्वर: ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में लोगों ने शुक्रवार को शून्य छाया दिवस (जीरो शैडो डे) का अनुभव किया। कटक के लोग आज इस घटना का अनुभव कर सकते हैं। बता दें कि यह एक दुर्लभ खगोलीय घटना है, जिसे आम तौर पर साल में केवल दो बार देखा जाता है। इस दौरान किसी भी वस्तु की परछाई नहीं दिखती है। यह तब होता है, जब आकाश में सूर्य अपने चरम पर होगा। इस दौरान किसी वस्तु या प्राणी की छाया नहीं बनती है।

पठानी सामंत तारामंडल, भुवनेश्वर के उप निदेशक, शुभेंदु पटनायक ने घटना के बारे में बताया, "यह साल में दो बार होता है जब सूर्य सीधे ऊपर होता है। हमने आज इसका अनुभव किया। आज कटक में इसका अनुभव किया जा सकता है।" उन्होंने बताया कि यह घटना सुबह 11.43 बजे शुरू हुई और 3 मिनट की अवधि तक जारी रही। उन्होंने कहा कि हमें इसे देखने के लिए उपकरणों की आवश्यकता नहीं है। इसके लिए हम एक सफेद कागज का उपयोग कर सकते हैं। इसे समतल जमीन पर बोतल की तरह ऊर्ध्वाधर रूप में रख सकते हैं। इस दौरान इसकी छाया की गति का अध्ययन किया जा सकता है।

उन्होंने बताया कि यह घटना तब होती है जब पृथ्वी सूर्य का चक्कर काटती हुई 23.5 डिग्री के कोण पर झुकी होती है। इस समय सूर्य का स्थान पृथ्वी के भूमध्य रेखा के 23.5° उत्तर से 23.5° दक्षिण तक जाता है। इस दौरान वे सभी स्थान जिनका अक्षांश सूर्य और भूमध्य रेखा के बीच के कोण के बराबर होता है, वहां शून्य छाया दिनों का अनुभव किया जाएगा।

21 दिसंबर से 21 जून के बीच उत्तर (उत्तरायण) में कर्क रेखा और दक्षिण में मकर रेखा (दक्षिणायन) की ओर सूर्य की गति के दौरान शून्य छाया दिवस पड़ता है। दो दिनों के बीच कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच के स्थान विशिष्ट दिनों में शून्य छाया दिवस देखते हैं।

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