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Hindi News भारत राष्ट्रीय संगम किनारे राममंदिर पर महामंथन, धर्मसंसद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी

संगम किनारे राममंदिर पर महामंथन, धर्मसंसद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी

इलाहाबाद में धर्म संसद में जो सबसे बड़ा नाम शामिल हो रहा है वो है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का। योगी आदित्यनाथ के धर्म संसद में आने का बड़ा सियासी महत्व है। हालांकि योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के प्रमुख की हैसियत से धर्म संसद में शामिल होंगे

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इलाहाबाद: संगम किनारे आज साधु-संतों का सबसे बड़ा सम्मेलन हो रहा है जिसमें राम मंदिर पर महामंथन होगा। सबसे बड़ी बात ये है कि संतों के इस सम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन में राम मंदिर से लेकर धर्म परिवर्तन रोकने से लेकर गोहत्या पर लगाम लगाने के साथ ही, आतंकवाद और कट्टरता पर प्रस्ताव पेश किया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद के झंडे तले हो रहे इस सम्मेलन को धर्म संसद का नाम दिया गया है। आज से शुरू हो रही धर्म संसद में कई मुद्दों पर चर्चा होगी और प्रस्ताव पेश किए जाएंगे।

धर्म संसद में क्या प्रस्ताव?

  • अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण पर संतों में चर्चा होगी
  • धर्म परिवर्तन पर रोक लगाने के उपायों पर साधु-संत चर्चा करेंगे
  • गौ-रक्षा सुनिश्चित करने और गोहत्या बंद करने पर चर्चा होगी
  • आतंकवाद और कट्टरता से समाज को बचाने के मुद्दे पर चर्चा होगी
  • गंगा को अविरल और निर्मल बनाने के लिए जरूरी कदमों पर चर्चा
  • वीएचपी के साल भर के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी

इलाहाबाद में धर्म संसद में जो सबसे बड़ा नाम शामिल हो रहा है वो है यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का। योगी आदित्यनाथ के धर्म संसद में आने का बड़ा सियासी महत्व है। हालांकि योगी आदित्यनाथ गोरक्षपीठ के प्रमुख की हैसियत से धर्म संसद में शामिल होंगे लेकिन उनके मंच पर आने भर से कई संदेश मिलेंगे। बताया जा रहा है कि सीएम योगी करीब दो घंटे तक मंच पर मौजूद रहेंगे और वहां मौजूद संतों को संबोधित भी करेंगे।

धर्म संसद में कौन-कौन?
योगी आदित्यनाथ, सीएम, यूपी; चंपत राय, नेता, वीएचपी;  वासुदेवानंद सरस्वती, धर्मगुरु, नरेंद्रानंद सरस्वती, धर्मगुरु, नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष, अखाड़ा परिषद; महंत नृत्य गोपाल दास, अध्यक्ष, राम जन्मभूमि न्यास; अलग-अलग जगहों से आए साधु-संत, धर्माचार्य और वीएचपी के पदाधिकारी

इलाहाबाद में इस वक्त माघ मेला चल रहा है जिसमें शामिल होने के लिए देश-विदेश से साधु-संत मौजूद हैं। ऐसे में वीएचपी की धर्म संसद की टाइमिंग जबर्दस्त है। इससे पहले नवंबर में कर्नाटक में वीएचपी ने धर्म संसद आयोजित की थी। उसमें भी राम मंदिर को लेकर बड़ी चर्चा हुई थी और संघ प्रमुख के बयान के बाद कई सवाल उठे थे। उसके बाद से अयोध्या में राम मंदिर विवाद को लेकर काफी कुछ हो चुका है। आज भी धर्म संसद में जो सबसे बड़ा प्रस्ताव होगा वो राम मंदिर को लेकर ही होगा।

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