नई दिल्ली: जालौन के डीएम के चारा घोटाले में जेल में बंद बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की पैरवी करने को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लिया है। योगी आदित्यनाथ ने डीएम मन्नान अख्तर के खिलाफ जांच के आदेश दिये हैं। झांसी के कमिश्नर अमित गुप्ता मामले की जांच करेंगे और उन्हें दो दिन के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। जालौन के डीएम पर आरोप है कि उन्होंने लालू की सजा कम करने के लिए रांची सीबीआई की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह को फोन किया था। मन्नान के साथ जालौन के एसडीएम भैरपाल सिंह पर भी जज को फोन कर लालू के लिए सिफारिश करने का आरोप है।
लालू यादव के खिलाफ फैसला सुनाने वाले जज शिवपाल सिंह उत्तर प्रदेश स्थित जालौन जिले के शेखपुर खुर्द गांव के रहने वाले हैं। गांव में कुछ लोगों ने उनकी जमीन पर कब्जा जमा लिया। विरोध करने पर उनके भाई सुरेंद्र पाल सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया। विरोधी जमीन पर कब्जा कर खेती कर रहे हैं। साथ ही जबरन जमीन से चक रोड निकाल दिया है।
हालांकि जालौन के डीएम डा. मन्नान अख्तर ने जज से लालू यादव के पक्ष में सिफारिश करने की बात से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी फोन पर उनसे बात नहीं की। अगर ऐसा हुआ है तो उन्हें जरूर एक बयान जारी करना चाहिए। रिपोर्टों में जिस तारीख का जिक्र किया गया है, मैं उस वक्त अपने गृह नगर में था, छुट्टी पर। बता दें कि इससे पहले मन्नान अख्तर ने यह बात कही थी कि उन्होंने न तो किसी की सिफारिश की है और न ही उनके मामले में कानून पढ़कर आएं जैसी बात कही है।
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