बिहार के भोजपुर में शहीद की अंतिम विदाई, मुजाहिद खान के जनाज़े में उमड़ा जनसैलाब, पिता हैं अनजान
आरा के उनके पैतृक गांव में ही शहीद मुजाहिद खान का अंतिम संस्कार किया गया। मुजाहिद खान की शहादत की खबर के बाद से उनके गांव में पाकिस्तान को लेकर जबरदस्त गुस्सा है।
नई दिल्ली: शहीदों के मज़ार पर लगेंगे हर बरस मेले,वतन पर मरनेवालों का बाकी बस यहीं निशान होगा। श्रीनगर के करन नगर इलाके में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए जांबाज़ मुजाहिद खान को अब से थोड़ी देर पहले सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। शहीद मुजाहिद खान को सुपुर्द-ए-खाक करने से पहले वहां जबर्दस्त जनसैलाब उमड़ा था। शहीद जवान को अंतिम विदाई देने के लिए उनके गांव के अलावा आस पास के गांवों से सैंकड़ों लोग आरा पहुंचे थे। आरा के उनके पैतृक गांव में ही शहीद मुजाहिद खान का अंतिम संस्कार किया गया। मुजाहिद खान की शहादत की खबर के बाद से उनके गांव में पाकिस्तान को लेकर जबरदस्त गुस्सा है। बताया जाता है आंतंकियों ने जब हमला किया तो संतरी ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो फायरिंग शुरु कर दी। इतने में मुजाहीद ने भी मोर्चा संभाल लिया लेकिन आतंकियों की गोलियां मो मोजाहिद खान के सीने को छलनी कर गईं।
जम्मू काश्मीर के सुजवा आर्मी कैम्प के बाद सोमवार की सुबह करन नगर के सीआरपीएफ कैम्प पर हुए आतंकी हमले में आमने-सामने की गोलीबारी में पीरो का लाल मुजाहीद खां शहीद हो गया। बताया जाता है आंतंकियो ने जब हमला किया तो संतरी ने उन्हे रोकने की कोशिश की तो फायरिंग शुरु कर दी। इतने में मुजाहीद ने भी मोर्चा संभाल लिया। जवानो की तत्परता और मोर्चाबंदी देख आतंकी एक घर का सहारा लेकर गोली बारी करने लगे । इस दौरान आतंकियों की गोली मोर्चा संभाल रहे मो मुजाहिद खान को लग गयी। जख्मी जवान को अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन कुछ ही देर बाद वह वतन को अलविदा कह इस दुनिया से चल बसा।
मूल रुप से पीरो गांव निवासी राजमिस्त्री रहे अब्दुल खैर खां के पुत्र मुजाहीद मोकामा में सितम्बर 2011 में सीआरपीएफ के 49वीं बटालियन में भर्ती हुए थे। केरल के पलीपुरम में उनकी ट्रेनिंग हुई जिसके बाद हैदराबाद में पोस्टिंग के बाद छ माह पहले उनकी बटालियन श्रीनगर रवाना हुई थी। 25 वर्षीय मुजाहीद बचपन से ही देशभक्ति की भावना से लवरेज थे। शहीद जवान की मौत की खबर ने जहाँ पूरे घर को मातम में डाल दिया है वही पूरे इलाके उनकी शहीद होने पर मर्माहत में है।
इस घटना को सुन पुरे गाँव के लोग शहीद के घर पर आ गए और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाना शुरू कर दिए। पांच भाई और दो बहन का दायित्व उठाने वाले मुजाहूदिन कि शहीद होने की खबर ने चारों भाइयो के आंखों में अंगारे देखने को मिल रहा है। भाई अजमेर ने पाकिस्तान मुर्दाबाद कहते हुए कहा कि हमारे हिंदुस्तान का एक एक बच्चा अपने देश के लिए है। देश मे आतंक पर सिर्फ राजनीति हो रहा है। अगर हमारे देश के जवानों को छूट दे दिया जाय तो पाकिस्तान का ओकात पता चल जाएगा। वही दोनो बहनों को भी अपने भाई के शहीद होने पर एक तरफ आंसू तो दूसरे तरफ देश के लिए हुए बलिदान पर फक्र है। उनके पिता को अभी तक अपने पुत्र की शहीद होने का सूचना नही दिया गया है।