नई दिल्ली। प्रथम विश्व युद्ध के अंत के 100 साल पूरे होने के अवसर पर रविवार को दुनिया भर के कई नेता फ्रांस की राजधानी पेरिस में होने वाले स्मृति समारोह में भाग करेंगे। दुनिया के बड़े नेताओं का यह जमावड़ा बढ़ते राष्ट्रवाद और कूटनीतिक तनाव की पृष्ठभूमि में हो रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन सहित दुनिया के करीब 70 नेता 1918 में हुए युद्धविराम समझौते की शताब्दी पर फ्रांस की राजधानी में एकत्र हो रहे हैं।
भारत की तरफ से उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नाडयू स्मृति समारोह में भाग लेने के लिए पेरिस गए हुए हैं, उपराष्ट्रपति के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट से इसके बारे मे जानकारी दी गई है। प्रथम विश्व युद्ध में जिन भारतीयों ने भाग लिया था, उपराष्ट्रपति पेरिस में उनको श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
इतिहास में दर्ज घटनाओं के मुताबिक 1914 से शुरू हुए प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 10 लाख से ज्यादा भारतीय सैनिकों ने हिस्सा लिया था जिसमें से 75000 से ज्यादा सैनिक शहीद हुए थे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान 1918 में हुई सोम्मे की लड़ाई को सबसे ज्यादा खून खराबे वाली लड़ाई माना जाता है और इस लड़ाई को भारतीय सैनिकों ने ही लड़ा था। इस लड़ाई में 30000 से ज्यादा सैनिक मारे गए थे। प्रथम विश्व युद्ध में फ्रांस में न्यूवे चैपल लड़ाई के दौरान 4000 से ज्यादा भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, भारतीय सैनिकों की याद में फ्रांस में न्यूवे चैपल मैमोरियल बनाया गया था।
रविवार को फ्रांस में होने वाले कार्यक्रम में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरेसा मे और महारानी एलिजाबेथ द्वितीय लंदन में इसी संबंध में आयोजित एक अन्य समारोह में हिस्सा लेंगी। वहीं न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया अपने स्तर पर इस संबंध में आयोजन कर रहे हैं। पेरिस में यह आयोजन ‘आर्क दे ट्रायम्फ’ के नीचे बने अनाम सैनिकों के कब्रों के पास होगा। इसमें आधुनिक काल में राष्ट्रवाद के खतरों के प्रति चेतावनियों के संबंध में बात होने की संभावना है।
पूर्वी फ्रांस के जंगलों में जिस जगह युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर हुआ था, वहां की यात्रा करने के बाद शनिवार को जर्मनी की चासलर एंजेला मर्केल ने कहा, ‘‘यह दिन सिर्फ याद करने के लिए नहीं है, इस दिन कार्रवाई की अपील की जानी चाहिए।’’ मर्केल और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस पेरिस पीस फोरम सम्मेलन को संबोधित करेंगे।
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