नई दिल्ली।
अमृतसर ट्रेन हादसे की एक और दर्दनाक दास्तां सामने आयी है और इस दास्तां में उम्मीद की किरण भी है। ट्रेन हादसे में अपने पिता से बिछड़े बच्चे को बचाने वाली महिला ने उस बच्चे को गोद लेने की इच्छा जताई है। महिला मीरा देवी ने कहा है कि वह आशा करती हैं कि बच्चे को कोई उसकी पहचान का मिल जाए, लेकिन अगर कोई नहीं मिलता है तो वह उसे गोद लेने के लिए तैयार हैं।
महिला ने हादसे वाली रात का ब्यौरा देते हुए कहा कि वह जब जलते हुए रावण को देखने के लिए खड़ी हुई थी तो उनकी बगल में अपने बच्चे के साथ एक व्यक्ति खड़ा हुआ था। महिला ने बताया कि जब ट्रेन लोगों को रौंदती हुई निकली तो उसने उस व्यक्ति और बच्चे को पीछे की तरफ धकेला और बच्चा हवा मे उछाल गया, महिला ने बताया कि वह किसी तरह से बच्चे को पकड़ने में सफल रहीं।
महिला ने बताया कि बच्चे के साथ वह आधी रात तक उसके माता पिता को ढूंढती रहीं लेकिन जब कोई नहीं मिला तो फिर उन्होंने पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी, अगले दिन जब वह सिविल अस्पताल गईं तो जज मैडम ने बच्चे को अपनी कस्टडी में ले लिया। महिला ने कहा कि वह आशा करती हैं कि बच्चे को कोई उसकी पहचान का मिल जाए, अगर नहीं मिलता है तो वह बच्चे को गोद लेने के लिए तैयार हैं।
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