नई दिल्ली: बांग्लादेश के सूचना प्रसारण मंत्री हसन महमूद ने मंगलवार को कहा कि इंदिरा गांधी, उनकी सरकार की मदद के बिना और भारत के लोगों के समर्थन के बिना बांग्लादेश 1971 में 9 महीने के अंदर स्वतंत्रता हासिल नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश उसके मुक्ति संग्राम में भारत के समर्थन के लिए हमेशा शुक्रगुजार रहेगा। महमूद ने 1971 में बांग्लादेश की आजादी का मजाक उड़ाने वाले पाकिस्तानियों पर भी निशाना साधा जिन्होंने इस देश के कमजोर भविष्य का संशय जताया था। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश विकास के सभी मोर्चों पर पाकिस्तान से आगे है।
‘बांग्लादेश के एक करोड़ लोगों को भारत ने दी थी शरण’
महमूद ने आकाशवाणी की विदेश सेवा के तत्कालीन निदेशक और बाद में महानिदेशक बने दिवंगत यू. एल. बरुआ की पुस्तक ‘ए बांग्लादेश वार कमेंट्री: 1971 रेडियो डिस्पैचिस’ के विमोचन के मौके पर यह बात कही। देश की आजादी में भारत की भूमिका की सराहना करते हुए पड़ोसी देश के मंत्री ने कहा कि ‘भारत की मदद के बिना हमारे लिए अपने देश को 9 महीने के अंदर मुक्त कराना संभव नहीं होता।’ महमूद ने कहा कि भारत के लोगों ने बांग्लादेश के एक करोड़ लोगों को न केवल पड़ोस के राज्यों में बल्कि दूसरे प्रदेशों में भी शरण दी थी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश हमेशा भारत के लोगों और तत्कालीन भारत सरकार का हमेशा शुक्रगुजार रहेगा।
‘9 महीने के अंदर बांग्लादेश का आजाद होना मुमकिन नहीं होता’
महमूद ने कहा, ‘इंदिरा गांधी ने हमारे मुक्ति संग्राम के पक्ष में राय बनाने तथा बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को पाकिस्तान की हिरासत से मुक्त कराने के लिए दुनिया के अनेक हिस्सों का दौरा किया।’ उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी की मदद के बिना, उनकी सरकार की मदद के बिना, भारत की जनता की मदद के बिना हमारे लिए 9 महीने के अंदर हमारे देश को आजाद कराना मुमकिन नहीं होता। बांग्लादेश के सूचना प्रसारण मंत्री ने कहा कि शेख मुजीबुर रहमान को मुक्त कराना कभी मुमकिन नहीं होता। महमूद भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।
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