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Hindi News भारत राष्ट्रीय मुसलमानों को किसी कानून से चिंता करने की जरूरत नहीं, उनके संवैधानिक अधिकार सुरक्षित: मुख्तार अब्बास नकवी

मुसलमानों को किसी कानून से चिंता करने की जरूरत नहीं, उनके संवैधानिक अधिकार सुरक्षित: मुख्तार अब्बास नकवी

केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि मुसलमानों को किसी कानून से चिंता करने जरूरत नहीं हैं क्योंकि उनके सामाजिक, धार्मिक और संवैधानिक अधिकार सुरक्षित हैं।

Mukhtar Abbas Naqvi- India TV Hindi Image Source : @NAQVIMUKHTAR Mukhtar Abbas Naqvi (File Photo)

नयी दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि मुसलमानों को किसी कानून से चिंता करने जरूरत नहीं हैं क्योंकि उनके सामाजिक, धार्मिक और संवैधानिक अधिकार सुरक्षित हैं। उन्होंने रविवार को इस बात पर जोर भी दिया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर कुछ राजनीतिक दलों की ओर से चलाया जा रहा ''फर्जी'' प्रचार बेनकाब होगा और सच्चाई की जीत होगी। नकवी ने मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिलाने वाली बात ऐसे वक्त की है जब देश के कई हिस्सों में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध हो रहा है तथा कई राजनीतिक दल एवं समूह यह आरोप लगा रहे हैं कि सीएए ''मुस्लिम विरोधी'' है। 

केन्द्रीय मंत्री ने कहा, ''भारत में मुसलमान मजबूरी में नहीं, बल्कि अपनी प्रतिबद्धता के साथ रह रहे हैं। उनके सामाजिक, धार्मिक और संवैधानिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं । '' उन्होंने यह भी कहा, ''भारत और भारतीयों के डीएनए में सहिष्णुता और सौहार्द रचा-बसा है।'' नकवी ने कहा, ''जिस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों को घर दिया हो और उनके घरों तक रोशनी पहुंचाई हो, वह गरीबों को कैसे बेघर कर सकता है?’’ मुस्लिम समुदाय ने 2019 में सिर्फ सीएए, एनआरसी और एनपीआर के कारण ही नहीं, बल्कि तीन तलाक विरोधी कानून को लेकर खुद को चर्चा के केंद्र में पाया। बहरहाल, इस साल अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के कई कार्यों एवं योजनाओं की भी चर्चा हुई। साल 2019 में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए मंत्रालय ने कई कदम उठाए। 80 लाख छात्रों को प्री-मैट्रिक छात्रवृत्तियां और 1.25 लाख से अधिक युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया। 

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 3 लाख गरीब, जरूरतमंद लड़कियों को ‘‘बेगम हजरत महल स्कॉलरशिप’’ अलग से दी। मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के कार्यक्रम के तहत विभिन्न राज्यों के 750 से अधिक मदरसा शिक्षकों को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा मुख्यधारा की शिक्षा की ट्रेनिंग दी गई , जिनमें बड़ी संख्या में महिला शिक्षक शामिल हैं। मंत्रालय ने अगले 5 वर्षों में 100 से ज्यादा ‘हुनर हाट’ आयोजित करने का निर्णय लिया है जिसके माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के दस्तकारों, शिल्पकारों, पारम्परिक खानसामों को रोजगार के अवसर मुहैया कराये जायेंगे। मोदी सरकार-2 के पहले 6 महीनों में ही ‘प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम’ के अंतर्गत देश भर में 100 कॉमन सर्विस सेंटर स्वीकृत किये गए हैं जो जरूरतमंदों के लिए सिंगल-विंडो सहायता केंद्र की तरह काम करेंगे। इन सेंटर में आम लोगों को केंद्र-राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी भारत पूरी दुनिया का ऐसा पहला देश बन गया है जहाँ हज 2020 सौ प्रतिशत डिजिटल प्रक्रिया से हो रहा है।

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