रामनवमी के बाद अब मोहर्रम पर भी हथियारों के साथ जुलूस की इजाजत नहीं, टीएमसी करेगी मौलवियों से बात
राज्य में पहले ही रामनवमी पर हाथियार के साथ जुलूस निकालने को बीजेपी और टीएमसी आमने सामने है।
बीरभूम: पश्चिम बंगाल में रामनवमी के बाद हुई राजनीति और हिंसा के बाद अब टीएमसी मोहर्रम पर होने वाले जुलूस में हथियार ले जाने पर रोक लगाने पर विचार बना रही है। हालांकि ये अभी एक जिले को लेकर ही कहा जा रहा है। तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल ने बीरभूम जिले को लेकर कहा है कि यहां मोहर्रम के जुलूस में हथियारों को शामिल ना करने के लिए वो मस्लिम धर्मगुरूओं से बात करेंगे। सीएम ममता बनर्जी पहले ही रामनवमी पर हथियारों वाले जुलूस के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दे चुकी हैं।
राज्य में भाजपा समेत हिन्दू संगठनों ने कई जगहों पर जुलूस निकाले हैं जिनमें तलवार और त्रिशुल जैसे हथियार शामिल किए गए। अब मोहर्रम को लेकर अनुब्रत मंडल ने कहा है कि मोहर्रम के दिन मैं सारे मौलवियों को बुलाकर कहूंगा कि किसी भी तरह के अस्त्र शस्त्र की जरूरत नहीं है। यह वही अनुब्रत मंडल हैं जिन्होंने जनवरी महीने में तृणमूल कांग्रेस द्वारा पहला ब्राह्मण सम्मेलन बीरभूम में आयोजित कराया था और इसी ब्राह्मण सम्मेलन से तृणमूल के रूप में आमूलचूल परिवर्तन देखा गया। इसके बाद से ही पार्टी मुस्लिम तुष्टिकरण की छवि खत्म करने के लिए हिंदूवादी नीतियों पर नरम देखी जा रही है।
अनुब्रत ने कहा है कि हम लोग एक साथ रहते हैं एक साथ खाते हैं दंगा लगाना संभव नहीं है। कल प्रमाणित कर दिया है। कल रामनवमी पर हमने प्रमाणित कर दिया है। अस्त्र-शस्त्र नहीं निकला बीरभूम में। फिर वचन देता हूं। मोहर्रम के दिन सारे मौलवियों को बुलाकर कहूंगा। किसी तरह के अस्त्र की जरूरत नहीं है यह बीरभूम जिला है लोग बात सुनते समझते हैं। तुम जितनी भी कोशिश करो बीरभूम में दंगा नहीं भड़का पाओगे। हम यहां भाई भाई की तरह मिलते हैं। हमारे यहां जब दुर्गा पूजा होती है तो मुस्लिम भाई आते हैं और जब उनके घर में ईद होती है तो हम वहां जाकर खाते हैं। क्यों हम वहां नहीं जाते हैं हमें वह मान सम्मान नहीं देते हैं।