नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। दिल्ली सरकार यहां तक कह रही है कि दिल्ली में कोरोना वायरस का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है। दिल्ली में रोजाना कोरोना वायरस के 1000 से ज्यादा मामले आ रहे हैं बुधवार को भी 1366 नए मामले आए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल बनता है कि क्या दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले देखते हुए केंद्र दिल्ली सरकार के कामकाज में मध्यस्थता करेगा?
इंडिया टीवी ने अपने कार्यक्रम में जब यही सवाल केंद्र में सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा से पूछा तो उन्होंने कहा कि वे दखल जैसे शब्द का इस्तेमाल तो नहीं करेंगे लेकिन पूरी तरह से हम उतरकर सड़कर पर आएंगे और नरेंद्र मोदी जी की सरकार लोगों को बचाने का काम करेगी। संबित पात्रा ने आगे कहा कि किसी को भी परेशान नहीं होने देंगे, मैं खुद एक मरीज रहा हूं और मैं जानता हूं क्या होता है, किस प्रकास से आदमी पूरी तरह से टूट जाता है।
संबित पात्रा ने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के उपचार के लिए किसी को भी कागज नहीं दिखाने होंगे, उन्होंने कहा, 'कागज हो या नहीं हो, कागज के आधार पर जीवन का निर्धारण नहीं होगा।'
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार ने फैसला किया था कि दिल्ली के अस्पतालों में बाहर के व्यक्तियों का उपचार नहीं होगा, लेकिन दिल्ली सरकार के इस फैसले को उप राज्यपाल ने बदल दिया और कहा कि दिल्ली में सभी का उपचार होगा। उप राज्यपाल के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।
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