महाराष्ट्र में होगा 'खेला'? अमित शाह से मिले शरद पवार, राउत बोले- अनिल देशमुख दुर्घटनावश बने गृह मंत्री
महाराष्ट्र की राजनीति में 'खेला' हो सकता है? दरअसल, ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान और शरद पवार की अमित शाह से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में 'खेला' हो सकता है? दरअसल, ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान और शरद पवार की अमित शाह से मुलाकात के बाद कयास लगाए जा रहे हैं। बता दें कि, महाराष्ट्र में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद शिवसेना और एनसीपी में अंदरखाने में रार छिड़ी हुई है। इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने रविवार को कहा कि अनिल देशमुख महाराष्ट्र के गृह मंत्री दुर्घटनावश बने तथा जयंत पाटिल और दिलीप वालसे-पाटिल जैसे वरिष्ठ राकांपा नेताओं के इनकार के बाद उन्हें यह पद मिला।
पवार और शाह की मुलाकात से महाराष्ट्र की राजनीति में होगा फेरबदल?
संजय राउत के इस बयान के साथ-साथ आज मीडिया में कई ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आयी हैं जिनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार तथा प्रफुल्ल पटेल की अहमदाबाद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की बात सामने आ रही है। इस मुलाकात के बारे में मीडिया कर्मियों ने जब दिल्ली में अमित शाह से रविवार को सवाल किया तो उन्होंने यह कहकर विषय को टाल दिया कि कुछ बातें सार्वजनिक नहीं होतीं। गृहमंत्री अमित शाह के इस जवाब से अटकलों को और बल मिला है। उन्होंने मुलाकात की बात से इनकार नहीं किया है। ऐसे में अब इस पर सस्पेंस बढ़ गया है कि तीनों नेताओं की मुलाकात में आखिर क्या बात हुई है? मीटिंग का एजेंडा क्या था?
राउत ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में प्रकाशित अपने साप्ताहिक स्तम्भ ‘रोकटोक’ में कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस सरकार के पास नुकसान की भरपाई करने के लिए कोई तंत्र नहीं है, जैसा कि मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद देखा गया। सिंह ने आरोप लगाया है कि देशमुख ने पुलिस को हर महीने 100 करोड़ रुपये इकट्ठा करने के लिए कहा था।
राउत ने अपने साप्ताहिक कॉलम में लिखा, "देशमुख को गृह मंत्री का पद दुर्घटनावश मिला। जयंत पाटिल और दिलीप वालसे-पाटिल ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया। इसी कारण शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस पद के लिए चुना।" शायद इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि सत्तारूढ़ गठबंधन के एक वरिष्ठ मंत्री के बारे में उनकी इस टिप्पणी को खराब संदर्भ में लिया जा सकता है, राउत ने बाद में ट्वीट किया, "बुरा ना मानो होली है।"
राउत ने कहा, "अगर सचिन वाजे जैसा कोई कनिष्ठ अधिकारी मुंबई पुलिस आयुक्त के दफ्तर से वसूली का गिरोह चला रहा था, तो यह कैसे हो सकता है कि गृह मंत्री को इसके बारे में जानकारी न हो?" राउत ने लिखा, "वाजे मुंबई पुलिस में एक एपीआई था। किसने उसे इतनी शक्तियां दीं? वह किसका पसंदीदा था? यह सब सामने आना चाहिए।"
परमबीर सिंह की चिट्ठी से सवालों के घेरे में आयी महाराष्ट्र की सरकार
बता दें कि, उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटलिया के बाहर विस्फोटक से भरी स्कॉर्पियो बरामद होने के बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल बना हुआ है। इसके अलावा महाराष्ट्र में चल रही महाराष्ट्र विकास अगाड़ी गठबंधन को लेकर भी कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। महाराष्ट्र में महा अघाडी सरकार में अंटीलिया विस्फोटक बरामद होने और सचिन वाजे से लेकर पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की वसूली के आरोप लगाने के बीच शाह और पवार की ये मुलाकात बेहद अहम मानी जा रही है।
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