बाइडेन से मुलाकात, Quad नेताओं के साथ बैठक और UN में भाषण, बेहद व्यस्त है PM का अमेरिका दौरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका की दौरे पर रवाना हो गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो साल पहले अमेरिका की यात्रा पर गए थे। तब से अबतक न सिर्फ अमेरिका में सत्ता बदल चुकी है बल्कि वैश्विक हालातों में भी काफी परिवर्तन आ चुका है।
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अमेरिका की दौरे पर रवाना हो गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो साल पहले अमेरिका की यात्रा पर गए थे। तब से अबतक न सिर्फ अमेरिका में सत्ता बदल चुकी है बल्कि वैश्विक हालातों में भी काफी परिवर्तन आ चुका है। अमेरिका और भारत न सिर्फ कोरोना की भयानक लहरों का सामना कर चुके हैं बल्कि इस वजह से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान भी हुआ है। आइए आपको बतातें हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये अमेरिका यात्रा क्यों है खास और क्यों इसपर है सभी की नजर।
राष्ट्रपति बाइडेन से पहली मुलाकात
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच क्या समीकरण कई बार उनकी मुलाकातों के दौरान दिखाई दिए थे। चाहे अमेरिका में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम और भारत में 'नमस्ते ट्रंप' दोनों ही जगह पर ट्रंप और मोदी की जुगलबंदी देखते बनती थी लेकिन अब अमेरिका में सत्ता परिवर्तन हो चुका है। अब सत्ता डेमोक्रेट्स के हाथों में आ चुकी है। हालांकि अभी तक भारत और अमेरिका के रिश्तों पर इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला है। दोनों देश मिलकर सामान गति से विभिन्न विषयों पर काम कर रहे हैं। हालांकि कोरोना काल की वजह से जो बाइडेन और मोदी के बीच में अबतक कोई मुलाकात नहीं हुई है, ऐसे में ये देखने वाला होगा कि बाइडेन-मोदी की मुलाकात के दौरान दोनों के बीच की केमिस्ट्री कैसी रहती है।
अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा
अफगानिस्तान में साल 2000 में अमेरिका की एंट्री के बाद इस रिजन का परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया था लेकिन अमेरिका सेनाओं की वापसी के बाद तालिबान ने पूरे देश पर फिर से कब्जा कर लिया है। तालिबान अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार बना चुका है लेकिन दुनिया के किसी देश ने अभी तक उसे मान्यता नहीं दी है। भारत अभी वेट एंड वॉच की भूमिका में है। भारत ने अफगानिस्तान में बड़ा निवेश किया हुआ है।
पाकिस्तान अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद खुद को विजेता के तौर पर पेश कर रहा है और चीन व तालिबानियों के बीच भी करीबी लाने की भरपूर कोशिश कर रहा है। बदले हालातों में न सिर्फ भारत में आतंकवाद का खतरा बढ़ गया है बल्कि अफगानिस्तान में भी मानव समाज के लिए एक बड़ी विकट समस्या पैदा हो गई है। ऐसे में पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन के बीच में अफगानिस्तान-तालिबान को लेकर क्या चर्चा होती है, ये देखने वाला होगा।
चीन और QUAD
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा के दौरान QUAD देशों के नेता भी मिलेंगे। साल 2007 में बने इस ग्रुप में अमेरिका और भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया व जापान भी शामिल है। कोरोना काल के बाद इस समूह पर चारों देशों ने एकबार फिर से काम करना शुरू किया है। कहा जाता है कि ये समूह दुनिया में चीन के बढ़ती दादागिरी को जवाब देने के लिए बनाया गया है लेकिन अभी तक ऐसा कुछ विेशष इन देशों के बीच दिखाई नहीं दिया है।
चीन के साथ अमेरिका की तनातनी तो लगातार जारी ही है, भारत का भी लद्दाख में उसके साथ विवाद चल रहा है। जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ भी आए दिन चीन का विभिन्न विषयों पर विवाद रहता है। अभीतक क्वाड बैठकें केवल विदेश मंत्री, राजनयिक और सैन्य नेतृत्व के स्तर पर ही हुई हैं। इसबीच, अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया और UK के साथ मिलकर AUKUS ग्रुप भी बनाया है, ऐसे में कहा जा रहा है कि QUAD और ज्यादा मजबूत हुआ है। ऐसा पहली बार है कि चारों देशों के प्रमुख इसमें शामिल होंगे। इसलिए इसपर भी पूरी दुनिया की नजर होगी।