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Hindi News भारत राष्ट्रीय कुर्बानी से 'प्यार', पटाखों से नफरत, सिर्फ हिंदुओं के त्योहार पर टारगेट क्यों?

कुर्बानी से 'प्यार', पटाखों से नफरत, सिर्फ हिंदुओं के त्योहार पर टारगेट क्यों?

इससे पहले पटाखों पर बैन का विरोध करते हुए त्रिपुरा के राज्यपाल ने यहां तक कहा दिया था कि ऐसा लगता है कि प्रदूषण के नाम पर अंतिम संस्कार में शव जलाने पर भी कहीं रोक ना लगा दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया जा रहा है, बहस हो रही है क्या परंप

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नई दिल्ली : पटाखों को लेकर दिवाली के मौके पर सबसे बड़ा सियासी दंगल छिड़़ गया है। दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की ब्रिकी पर सुप्रीम कोर्ट के बैन के बाद तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही है। इसमें कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बड़ा बयान दिया है। थरूर ने कहा है कि दिवाली पर पटाखे चलाने से उन लोगों को भी नुकसान होता है जिनका इस त्योहार से कुछ लेना देना नहीं होता है जबकि बकरीद में बकरे की कुर्बानी से सिर्फ बकरे को ही नुकसान पहुंचता है। ये भी पढ़ें: अय्याश निकली राम रहीम की लाडली हनीप्रीत, लड़कों से बनाती थी रिश्ता

इससे पहले पटाखों पर बैन का विरोध करते हुए त्रिपुरा के राज्यपाल ने यहां तक कहा दिया था कि ऐसा लगता है कि प्रदूषण के नाम पर अंतिम संस्कार में शव जलाने पर भी कहीं रोक ना लगा दी जाए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया जा रहा है, बहस हो रही है क्या परंपरा और त्योहार पर कानूनी तलवार सही है। पहले सितारों ने कहा, फिर साहित्य को समझने वालों ने और अब त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय के ट्वीट ने इस बहस को अलग ही रंग दे दिया है।

राज्यपाल ने बाद में कहा कि मैंने अपने ट्वीट में कोर्ट के फैसले पर कुछ नहीं कहा है। मैंने ये कहा है कि जिस तरह से दही हांडी समेत बाकी हिंदू त्योहारों को बैन किया जा रहा है, उसे देखते हुए हिंदुओं के अंतिम संस्कार पर भी रोक लगा दी जाएगी या फिर कोई कोर्ट में याचिका डालकर प्रदूषण के मुद्दे पर शवों को जलाने से रोक लगाने की मांग करेगा। निश्चित तौर पर इसमें राजनीति है। अवॉर्ड वापसी ग्रुप और बाकी लोग जो ऐसी याचिका दायर करते हैं उनकी नजर हमेशा अल्पसंख्यक वोटबैंक पर होती है। मैं उस राजनीति में नहीं पड़ूंगा लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि इसमें राजनीति है।

कहां-कहां पटाखों पर बैन

  • दिल्ली-NCR में दिवाली पर पटाखों की बिक्री पर पाबंदी
  • सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर तक पटाखों की बिक्री पर रोक लगाई
  • 3 बच्चों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
  • जो पहले ही पटाखे ले चुके हैं, वो पटाखे फोड़ सकेंगे- SC
  • महाराष्ट्र के रिहायशी इलाकों में पटाखा ब्रिकी पर रोक
  • अस्थायी दुकान का लाइसेंस देने से बॉम्बे हाईकोर्ट का इनकार
  • छत्तीसगढ़ में तेज आवाज- खतरनाक रसायन वाले पटाखे बैन

राज्यपाल तथागत रॉय के इस बयान के बाद कांग्रेस नेता शशि थरुर ने ट्वीट किया। शशि थरुर दिवाली पर पटाखा फोड़ने के खिलाफ इसलिए हैं क्योंकि इससे दूसरों को नुकसान पहुंचता है। थरुर ने ट्वीट किया “बकरीद में सिर्फ बकरे को नुकसान पहुंचता है, मुहर्रम पर खुद को नुकसान पहुंचाते हैं जबकि दिवाली पर पटाखों से दूसरों को नुकसान पहुंचता है। जिनका दिवाली से संबंध भी नहीं होता उनको भी पटाखों से नुकसान होता है।“

शशि थरुर इस ट्वीट पर विश्व हिंदू परिषद् ने पलटवार करते हुए सवाल किया है कि क्या बकरीद के मौके पर बकरे कटने से नदियों का रंग लाल नहीं होता है। हालांकि इसके पहले चेतन भगत दिवाली के मौके पर पटाखे पर लगे बैन को परंपराओं पर चोट करार दे चुके हैं।

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