इंदौर: मध्य प्रदेश के इंदौर के टाटपट्टी बाखल में कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच करने गई टीम पर बुधवार को समुदाय विशेष के लोगों ने पथराव कर दिया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर हालात काबू में किए। बाद में घटना के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर आनंद राय ने इंडिया टीवी से कहा कि वहां उनकी टीम के लोगों की मॉब लिंचिंग भी हो सकती थी। उन्होंने कहा कि इन लोगों को शिक्षित करने की जरूरत है ताकि उनको समझ में आए कि उन्हें 14 दिन के लिए क्वारंटाइन क्यों किया जा रहा है।
‘अफवाह के चलते हुआ हमला’
डॉक्टर राय ने कहा, ‘घटना की जड़ में जाइए, कई दिनों से यहां अफवाह फैलाई जा रही है कि लोग आपको बसों में भरकर ले जाएंगे और अज्ञात जगह छोड़ देंगे और वहां इंजेक्शन लगा देंगे। इस तरह की अफवाह है जो सोशल मीडिया पर पैलाई जा रही है, उसके कारण ये चीज पैदा हुई है। यह तबका कम शिक्षित है, इनको शिक्षित करने की जरूरत है। उनको बताया जाना चाहिए कि क्यों 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जा रहा है, इसके लिए प्रशासन और बुद्धिजीवी वर्ग को आगे आने की जरूरत है।’
‘कल हमारी टीम की मॉब लिंचिंग हो जाती’
उन्होंने कहा कि परसों भी एक घटना रानीपुरा में हुई थी, जब लोगों पर कुल्ला किया गया और थूका गया। डॉक्टर ने कहा कि इस तरह की घटनाएं मनोबल गिराती हैं, लेकिन हमारी टीम और प्रशासन मुश्तैदी से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘टीम पर पथराव किया गया, कल तो उनकी मॉब लिंचिंग हो जाती, 200 से ज्यादा लोग थे, अचानक हमला कर दिया। पैरा मिलिट्री फोर्स को लगाना होगा, जबतक डाक्टरों को कवर नहीं दिया जाएगा तबतक डॉक्टर कैसे काम करेंगे।’
‘किसी समाज या धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए’
डॉक्टर राय ने इंदौर में हुई इस घटना के बारे में आगे जानकारी देते हुए कहा, ‘टीम अलग-अलग हिस्सों में जांच कर रही थी, जहां की ये घटना है वहां पर डॉक्टर तृप्ति शर्मा और डॉक्टर जाकिया सईद थी।’ उन्होंने कहा कि इस घटना को पूरे समाज या किसी धर्म के साथ जोड़कर नहीं देखना चाहिए।
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