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Hindi News भारत राष्ट्रीय क्यों अंबाला में ही तैनात किया जा रहा है राफेल? क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह

क्यों अंबाला में ही तैनात किया जा रहा है राफेल? क्या है इसके पीछे की बड़ी वजह

वायुसेना ने क्यों पहले 5 राफेल विमानों को अंबाला एयरबेस में तैनात करने की योजना बनाई है? इस सवाल का जवाब भारत के सामने रक्षा चुनौतियां और उन चुनौतियों से निपटने में अंबाला के महत्व से मिल जाता है।

<p>Why IAF choose Ambala air base for Rafale deployment?</p>- India TV Hindi Image Source : AP (FILE) Why IAF choose Ambala air base for Rafale deployment?

नई दिल्ली। दुनिया का सबसे घातक लड़ाकू विमान अब भारतीय वायुसेना में शामिल हो रहा है और बुधवार 29 जुलाई को भारतीय वायुसेना के अंबाला एयरबेस पर 5 राफेल विमान लैंड करने जा रहे हैं। विमान सोमवार को फ्रांस से निकल चुके हैं और फिलहाल आबूधावी में रुके हुए हैं। भारतीय वायुसेना को कुल 32 राफेल मिलेंगे और 2022 तक सभी 32 विमान वायुसेना के बेड़े में शामिल हो जाएंगे। लेकिन पहले 5 विमानों की खेप बुधवार को अंबाला लैंड करने वाली है।

आखिर वायुसेना ने क्यों पहले 5 राफेल विमानों को अंबाला एयरबेस में तैनात करने की योजना बनाई है? इस सवाल का जवाब भारत के सामने रक्षा चुनौतियां और उन चुनौतियों से निपटने में अंबाला के महत्व से मिल जाता है।

मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर (LoC) तथा लद्दाख में भारत और चीन बॉर्डर पर मुख्य चुनौती है। अंबाला से यह दोनो जगह काफी नजदीक हैं। LaC के उस पार चीन का जो नजदीकी एयरबेस उसकी अंबाला से लगभग 300 किलोमीटर दूरी है जबकि अंबाला के पास पाकिस्तान के नजदीकी एयरबेस की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। जरूरत पड़ने पर राफेल विमान मिनटों में इन दोनो एयरबेस को अपना निशाना बना सकता है।

चीन और पाकिस्तान के पास इस समय जो एडवांस लड़ाकू विमान हैं उनके मुकाबले राफेल काफी एडवांस है। पाकिस्तान के पास फिलहाल F-16 विमान सबसे एडवांस है और उसे पिछले साल फरवरी में भारतीय पायलट अभिनंदन ने मिग वायसन से ही गिरा दिया था। चीन के पास सबसे एडवांस J-20 लड़ाकू विमान है, चीन इसे दुनिया का सबसे एडवांस लड़ाकू विमान बताता है। लेकिन चीन के इस विमान के साथ दिक्कत ये है कि इसे दुनियाभर में किसी भी लड़ाई में टेस्ट नहीं किया गया है। जबकि दूसरी ओर राफेल को दुनियाभर में कई लड़ाइयों में आजमाया जा चुका है।    

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