पिछले सप्ताह मुस्लिम विद्वानों और बुद्धिजीवियों के एक समूह को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है। यह खबर उर्दू दैनिक इंकलाब में प्रकाशित हुई थी लेकिन पार्टी के प्रवक्ताओं ने तुरंत इसका खंडन किया था। मेरे पास ऐसी जानकारी है कि इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों के लिए लड़ती है ठीक उसी तरह जैसे वह सिखों, दलितों और किसानों के लिए लड़ती रही है। आगे उन्होंने कहा कि अगर कोई यह कहे कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है तो कहने दो, मैं नहीं डरता। अखबार ने राहुल गांधी की इसी बात को शीर्षक बनाया।
अब बीजेपी ने अपने हिसाब से उसका विश्लेषण किया और राहुल गांधी पर हमला बोला। यह मामला इतना ज्यादा नहीं बढ़ता अगर राहुल गांधी सामने आते और सच बता देते। लेकिन मुश्किल ये है कि राहुल सार्वजनिक तौर पर जोर देकर यह नहीं कह सकते कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी नहीं है और न ही राहुल यह कह सकते हैं कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है।
जिस तरह राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधे-अधूरे वाक्य को उठाकर लोगों के बीच एक मुद्दा बनाने की कोशिश करते रहे हैं उसी तरह इस बार बीजेपी ने यह दांव खेला है। इसलिए कांग्रेस को इसबार जवाब देने में मुश्किल हो रही है। (रजत शर्मा)
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