कौन है लाल किले पर धार्मिक झंडा लहराने वाला? जानिए- नाम, गांव और परिवार की डिटेल
राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की ट्रैक्टर परेड (Farmers tractor rally) के दौरान हिंसा हुई। इसी बीच बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी लाल किले में घुस गए और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर किसानों की ट्रैक्टर परेड (Farmers tractor rally) के दौरान हिंसा हुई। इसी बीच बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी लाल किले में घुस गए और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया। हिंसा और लाल किले (Red Fort) पर धार्मिक झंडा लगाने को लेकर किसानों की निंदा हो रही है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि लाल किले पर तिरंगे की जगह पर धार्मिक झंडा लगाने वाले शख्स कौन है? नहीं, हम बताते हैं।
कौन है लाल किले पर धार्मिक झंडा लहराने वाला?
लाल किले पर झंडा लगाने वाले युवक की पहचान जुगराज सिंह के रूप में हुई है, जिसकी उम्र 22 साल बताई जा रही है। जानकारी के अनुसार, जुगराज सिंह पंजाब के तरनतारन के गांव तारा सिंह का रहने वाला है। उसके परिवार में उसकी मां भगवंत कौर, उसके पिता बलदेव सिंह, दादा-दादी और एक बहन है। जुगराज सिंह की दो बहनों की पहले ही शादी हो चुकी है। जानकारी मिली है कि उसका परिवार घर से कहीं चला गया है।
गिरफ्तारी को लेकर कोशिशें तेज
26 जनवरी को लाल किले पर धार्मिक झंडा लहराने वाले जुगराज सिंह के खिलाफ LOC (Look out circular) जारी किया गया है। जुगराज सिंह को ट्रैक करने की कोशिश की जा रही है। उसकी गिरफ्तारी के लिए कोशिशें तेज कर दी गई है। घटना के बाद से ही जुगराज सिंह की पहचान करने की कोशिश की जा रही थी, जिसके अब पहचान हो चुकी है और पुलिस उसे गिरफ्तार करने के लिए तलाश रही है।
हिंसा के बाद से बढ़ी किसानों की मुश्किलें
गणतंत्र दिवस पर किसानों की हिंसा और लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने के बाद से आम लोगों में किसानों के प्रति गुस्सा देखने को मिलने लगा है। ऐसे में करीब दो महीनों से नए कृषि कानूनों (New farms law) के खिलाफ सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर प्रदर्शन कर रहे किसानों (Farmers agitation) के विरोध में स्थानीय लोगों ने मोर्चा खोल दिया है। लोगों को कहना है किसानों के वहां होने से उन्हें बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
'तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान'
सिंघू बॉर्डर के आसपास के गांव वालों ने प्रदर्शनकारी किसानों से स्थान खाली कराने के लिए प्रदर्शन (Protest against farmers agitation) किया। स्थानीय लोग सिंघू बॉर्डर को जल्द से जल्द खाली कराने की मांग कर रहे हैं। किसानों का विरोध कर रहे कुछ लोगों ने 'तिरंगे का अपमान हिंदुस्तान नहीं सहेगा' लिखे हुए बैनर हाथों में लेकर सिंघू बॉर्डर खाली कराने की मांग को बुलंद किया।
अलर्ट मोड में पुलिस, गुस्से में लोग
स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा देखने को मिला है। इसी बीच सिंघू बॉर्डर पर पहले मंच और दूसरे मंच के बीच की जगह को खाली करवाया दिया गया। यहां से टेंट हटाए गये हैं और बीच में बैरिकेड्स, पत्थर और लोहे के बड़े-बड़े बक्से लगा दिए गये हैं। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। पुलिस अलर्ट मोड पर है।
एक्शन में दिल्ली पुलिस
देश की राजधानी नई दिल्ली में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस एक्शन में है। दिल्ली पुलिस ने 35 से ज्यादा आरोपी किसान नेताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया है। दिल्ली पुलिस ने लुक आउट नोटिस इसलिए जारी किया है ताकि कोई भी आरोपी देश छोड़कर भाग न सके। इन सभी नेताओं के पासपोर्ट को जब्त किया जाएगा।
सीमाओं पर भारी पुलिस बल तैनात
राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद बृहस्पतिवार को भी दिल्ली से लगी सीमाओं पर पुलिस बल की भारी तैनाती है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लाल किले पर भी सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।
26 जनवरी को क्या हुआ?
कृषक संगठनों की केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली थी। इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प व वाहनों में तोड़-फोड़ की और लाल किले पर एक धार्मिक ध्वज लगा दिया था।