'The Accidental Prime Minister' फिल्म 11 जनवरी को रिलीज होने वाली है लेकिन फिल्म की रिलीज से पहले ही राजनीतिक बवाल मचा हुआ है। एक तरफ BJP इसके कांग्रेस के खिलाफ हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही है वहीं दूसरी और कांग्रेस इसे दुष्प्रचार की राजनीति बताकर इसका विरोध कर रही है। खैर, ये तो राजनीतिक बयानबाजी है चलती ही रहेगी, इससे थोड़ा आगे बढ़ते हैं और बात करते हैं संजय बारू की।
संजय बारू, ये एक नाम इस पूरे बवाल की जड़ में है। दरअसल, संजय बारू ने 'The Accidental Prime Minister' नाम से एक किताब लिखी। साल 2014 में किताब पब्लिश हो गई। ये वही साल था, जब UPA-II की सरकार के पांव केंद्र से उखड़े और BJP का राजतिलक केंद्र सरकार के सिंघासन पर हुआ। किताब में पन्ने दर पन्ने, कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर कई खुलासे किए गए। अब उसी किताब को फिल्म की शक्ल मिल चुकी है।
कौन हैं संजय बारू?
संजय बारू पेशे से पत्रकार रहे हैं। वो फाइनेंशियल एक्सप्रेस और बिजनेस स्टैंडर्ड के चीफ एडिटर रहे हैं। इकोनॉमिक टाइम्स और द टाइम्स ऑफ इंडिया के एसोसिएट एडिटर रहे हैं। मई 2004 में संजय बारू तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मीडिया सलाहकार नियुक्त हुए और करीब 4 साल बाद अगस्त 2008 में उन्होंने इस पद से इस्तीफा दे दिया।
इसके अलावा संजय बारू इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के महासचिव पद पर भी रहे। इस पद से उन्होंने अप्रैल 2018 में ही इस्तीफा दिया है। संजय बारू के पिता बीपीआर विठल भी मनमोहन सिंह के साथ जुड़े रहे थे। जब मनमोहन सिंह देश के वित्त सचिव थे, तब संजय बारू के पिता बीपीआर विठल उनके फाइनेंस और प्लानिंग सेक्रेटरी थे।
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