नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाहीन बाग में रास्ता खुलवाने के लिए प्रदर्शनकारियों से बातचीत हेतु नियुक्त किए गए वार्ताकार बुधवार को धरना स्थल पर पहुंचे। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए सोमवार को वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह को वार्ताकार नियुक्त किया था। शाहीन बाग में लोगों को समझाने के लिए पहुंची साधना रामचंद्रन ने कहा कि मसला सुप्रीम कोर्ट में है और सुप्रीम कोर्ट चाहती है प्रदर्शन का हक बरकरार रहे लेकिन वहीं तक जहां कि दूसरे का हक ना मारा जाए।
उन्होंने कहा कि हम आपकी सभी अच्छी-बुरी बात सुनेंगे। हिंदुस्तान में सबकी बात की इज्जत है लेकिन आंदोलन से लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए। रामचंद्रन ने कहा कि ऐसा हल निकलेगा कि पूरी दुनिया के लिए मिसाल बनेगा।
कौन हैं साधना रामचंद्रन?
साधना रामचंद्रन वरिष्ठ वकील है, जो मध्यस्थता में निपुण हैं। वह मध्यस्थता मुहैया कराने वाले संगठन 'माध्यम इंटरनेशनल' की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट हैं। सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ वकील साधना रामचंद्रन दिल्ली हाईकोर्ट समाधान में मध्यस्थता विभाग की सचिव रह चुकी हैं। माध्यम इंटरनेशनल की वेबसाइट पर मौजूद साधना का परिचय बताता है कि वह साल 1978 से सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस कर रही हैं। वह कई बरसों तक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से जुड़ी रही हैं और बाल अधिकारों और शिक्षा से जुड़ी कई मानवाधिकार जांचों का हिस्सा रही हैं।
साधना रामचंद्रन अब तक पारिवारिक, वैवाहिक, कॉन्ट्रैक्चुअल, व्यावसायिक, औद्योगिक और बौद्धिक संपत्ति से जुड़े कई मामलों में मध्यस्थता कर चुकी हैं। वह भारत की कई उच्च अदालतों में वकीलों के मध्यस्थता प्रशिक्षण कार्यक्रम में मध्यस्थता प्रशिक्षक रही हैं। उनकी ट्रेनिंग भारत और अमरीका में हुई है। मई 2014 में उन्होंने बेलफास्ट में आयोजित 'अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता सम्मेलन' में एक पेपर भी पेश किया था।
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