Who-is-Baba-Virendra-Dev-Dixit?
बीबीसी के अनुसार फाउंडेशन फॉर सोशल एंपावरमेंट नाम की एक गैर सरकारी संस्था ने इस मामले में जनहित याचिका दाखिल की है। संस्था के वकील ने बताया कि वीरेंद्र देव दीक्षित खुद को शिव का अवतार बताते हैं।
"जिस तरह शिवलिंग की पूजा होती है, उसी तरह अपने लिंग की पूजा करने को कहता है। जो लड़कियां वहां रहती हैं, उन्हें नशे की दवाई पिलाकर रखा जाता है। शुरुआत में लड़कियों से एक रस्म करवाई जाती है जिसे वे 'भट्टी' कहते हैं। इस रस्म के मुताबिक लड़कियों को 7 दिन तक एकांत में रखा जाता है और तब आश्रम में भी किसी से मिलने की इजाज़त नहीं होती। जो लड़कियां ये रस्म कर लेती हैं, उन्हें फिर दूसरे शहरों के आश्रम में भेज दिया जाता है। नाबालिग लड़कियों को फुसलाया जाता है कि तुम मेरी गोपियां बनोगी। जो लड़कियां अपने साथ यौन शोषण होने देती हैं, उन्हें कहता है कि तुम मेरी 16 हज़ार रानियों में से एक हो।"
वीरेंद्र देव दीक्षित ने काप्मिल और दिल्ली के रोहिणी को अपना ठिकाना बनाया और फिर अपने काले कर्मों की शुरुआत की। 16108 गोपियों की जरूरत बताने वाले इस बाबा के आश्रम में जब 19 दिसंबर को रेड पड़ी तो पता चला कि वो आश्रम नहीं पूरा किला है। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर जब टीम 21 दिसंबर की सुबह रोहिणी आश्रम पहुंची, तो उसे पूरे आश्रम की तलाशी लेने में 9 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लगा। 1200 वर्ग गज के आश्रम में कुल 22 कमरे बने थे, जिनमें से 13 के ताले तोड़ दिए गए। इस दौरान वहां से 41 लड़कियां बरामद हुईं, जिनमें से 3 लड़कियां रिटायर्ड इंस्पेक्टर की हैं।
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