जानिए क्या है आसूमल सिरूमलानी से आसाराम बापू बनने की पूरी कहानी?
आसाराम का जन्म 1941 में पाकिस्तान के सिंध इलाके में हुआ था। विभाजन के बाद उनका परिवार अहमदाबाद में बसा गया। उनकी मां का नाम मेंहगीबा और पिता का नाम थाउमल सिरुमल था। उनके पिता परचून की दुकान चलाते थे। उन्होंने भी पहले परचून की और फिर चाय की छोटी सी दुकान शुरू की।
नई दिल्ली: आसाराम को सेंट्रल जेल में आज नाबालिग से बलत्कार मामले में जोधपुर कोर्ट ने दोषी करार दिया है। आसाराम 4 साल 7 महीने से उसी जेल में कैद हैं। जोधपुर जेल को किले में तब्दील कर दिया गया है और जोधपुर शहर में दो दिन पहले से ही धारा 144 लागू कर दी गई है और आसाराम के आश्रम को खाली करा लिया गया है। आसाराम का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन पर कई तरह के आरोप लग चुके हैं लेकिन फिर भी उनके समर्थक उन्हें पाक-साफ मानते हैं और उनकी पूजा तक करते हैं।
कौन हैं आसाराम
आसाराम का जन्म 1941 में पाकिस्तान के सिंध इलाके में हुआ था। उनका असली नाम आसूमल थाऊमल सिरुमलानी है। विभाजन के बाद परिवार अहमदाबाद में बसा तो असुमल भी साथ आए। उनकी मां का नाम मेंहगीबा और पिता का नाम थाउमल सिरुमल था। उनके पिता परचून की दुकान चलाते थे। उन्होंने भी पहले परचून की और फिर चाय की छोटी सी दुकान शुरू की।
युवावस्था में ही उनके पिता का निधन हो गया था और बाद में उनकी मां ने उन्हें योग और आध्यात्मिकता की शिक्षा दी। अंत में उन्होंने घर छोड़ दिया और देश भर में यात्राएं करते रहे। बाद में, वे वृंदावन में स्वामी श्री लीलाशाहजी महाराज के आश्रम में पहुंचे। गुरू से दीक्षा लेने के बाद गुरु ने उन्हें नया नाम दिया आसाराम। आसाराम घूम-घूम कर आध्यात्मिक प्रवचन के साथ-साथ स्वयं भी गुरु-दीक्षा देने लगे। उनके सत्संग कार्यक्रमों में श्रद्धालु भारी संख्या में पहुँचने लगे।
लगभग 20,000 छात्र तो दिसम्बर 2001 में अहमदाबाद में हुए सत्संग में ही पहुँचे थे। अगस्त 2012 में गोधरा के समीप उनका हैलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें संयोग से आसाराम व पायलट सहित सभी यात्री सुरक्षित बच गये। उसके बाद उनके सत्संग में शामिल होने वालों की संख्या दिन दूनी रात चौगुनी होती चली गयी। अपने व्यक्तिगत जीवन में आसूमल ने लक्ष्मी देवी से विवाह कर लिया जिससे उनके एक पुत्र नारायण साईं और एक पुत्री भारती देवी उत्पन्न हुए। साल 1972 में आसाराम ने अहमदाबाद से लगभग 10 किलोमीटर दूर मुटेरा कस्बे अपना पहला आश्रम शुरू किया।
आसाराम सामान्यतः विवादों से जुड़े रहे हैं। जैसे आपराधिक मामलों में उनके खिलाफ दायर याचिकाएँ, उनके आश्रम द्वारा अतिक्रमण, 2012 दिल्ली दुष्कर्म पर उनकी टिप्पणी एवं 2013 में नाबालिग लड़की का कथित यौन शोषण। उन पर लगे आरोपों की आंच उनके बेटे नारायण साईं तक भी पहुची। न्यायालय ने उन्हें न्यायिक हिरासत में रखने का निर्णय लिया है। फ़िलहाल आसाराम जोधपुर जेल की सलाखों के पीछे कैद हैं।
यौन छेड़छाड़ का यह मामला 20 अगस्त 2013 में प्रकाश में आया जब एक एफआईआर दिल्ली के कमला नगर थाने में रात 2 बजे दर्ज हुई। घटना जोधपुर के मड़ई में स्थित फार्म हाउस में 16 अगस्त की बताई जाती है। एफ़आईआर में लड़की ने आरोप लगाया कि बापू ने रात उसे कमरे में बुलाया और 1 घंटे तक दुष्कर्म किया। लड़की उत्तर प्रदेश के शाहजहापुर की निवासी है जो 12वीं में पढ़ती थी और छिंदवाड़ा में आश्रम के कन्या छात्रावास में रहती थी।
उनके आश्रम का गुरुकुल भी विवादों में रहा है। मोटेरा स्थित एक आवासीय स्कूल के दो बच्चों के शव 5 जुलाई, 2008 को साबरमती नदी किनारे पड़े मिले थे। 10 वर्षीय दीपेश वाघेला और 11 वर्षीय अभिषेक वाघेला चचेरे भाई थे और गुरुकुल में रहकर पढ़ते थे। इस मामले के बाद यह मामला सीआईडी को सौंप दिया गया था, जिसने आश्रम के सात साधकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया था।