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Hindi News भारत राष्ट्रीय ...तो भारत से इन दस हजार रोहिंग्या मुसलमानों को निकाल दिया जाएगा बाहर?

...तो भारत से इन दस हजार रोहिंग्या मुसलमानों को निकाल दिया जाएगा बाहर?

बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान आज भी जर्जर कैंपो में रह रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को व्यापक पैमाने पर भेदभाव और दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ता है। लाखों की संख्या में बिना दस्तावेज़ वाले रोहिंग्या बांग्लादेश में रह रहे हैं। इन्होंने दशकों पहले

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सबसे प्रताड़ित लोग

म्यांमार के बहुसंख्यक बौद्ध लोगों और सुरक्षा बलों पर अक्सर रोहिंग्या मुसलमानों को प्रताड़ित करने के आरोप लगते हैं। इन लोगों के पास कोई अधिकार नहीं हैं। संयुक्त राष्ट्र उन्हें दुनिया का सबसे प्रताड़ित जातीय समूह मानता है।

आने जाने पर भी रोक

ये लोग न तो अपनी मर्जी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं और न ही अपनी मर्जी काम कर सकते हैं। जिस जगह वे रहते हैं, उसे कभी खाली करने को कह दिया जाता है। म्यांमार में इन लोगों की कहीं सुनवाई नहीं है।

बंगाली

ये लोग दशकों से रखाइन प्रांत में रह रहे हैं, लेकिन वहां के बौद्ध लोग इन्हें "बंगाली" कह कर दुत्कारते हैं। ये लोग जो बोली बोलते हैं, वैसी दक्षिणपूर्व बांग्लादेश के चटगांव में बोली जाती है। रोहिंग्या लोग सुन्नी मुसलमान हैं।

कानूनी अड़चन

म्यांमार में रोहिंग्या लोगों को एक जातीय समूह के तौर पर मान्यता नहीं है। इसकी एक वजह 1982 का वो कानून भी है जिसके अनुसार नागरिकता पाने के लिए किसी भी जातीय समूह को यह साबित करना है कि वो 1823 के पहले से म्यांमार में रह रहा है।

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