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Hindi News भारत राष्ट्रीय त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ीं! जानिए कौन पक्ष में और कौन कर रहा है विरोध

त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ीं! जानिए कौन पक्ष में और कौन कर रहा है विरोध

सूत्रों ने बताया कि पार्टी के जिन सांसदों ने त्रिवेंद सिंह रावत की कार्यशैली के खिलाफ नाराजगी दिखाई, उनमें केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल सांसद अजय भट्ट, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी और नरेश बंसल प्रमुख हैं।

who all are opposing and supporting trivendra singh rawat as uttrakhand chief minister त्रिवेंद्र सि- India TV Hindi Image Source : INDIA TV त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ीं! जानिए कौन पक्ष में और कौन कर रहा है विरोध

नई दिल्ली. उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं। पार्टी आलाकमान द्वारा तलब किए जाने के बाद रावत दिल्ली भी पहुंच गए हैं। उत्तराखंड में भी सीएम त्रिवेंद सिंह रावत पर रायशुमारी हुई है। सूत्रों की मानें तो पार्टी आलाकमान के निर्देश पर पार्टी नेताओं से त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाने को लेकर सवाल किए गए हैं। रायशुमारी के दौरान बड़े नेताओं से ये भी कहा गया - अगर सीएम बदलना चाहते हैं तो खुद के अलावा कोई नाम बताएं।

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कौन समर्थन में
सूत्रों ने बताया कि अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा, गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत और टिहरी सांसद माला राजलक्ष्मी शाह ने उत्तराखंड सीएम के तौर पर त्रिवेंद सिंह रावत का समर्थन किया है। हालांकि अजय टम्टा और तीरथ सिंह रावत ने जोरदार समर्थन नहीं किया और कहा जा रहा है कि ये कभी भी पाला बदल सकते हैं।ये दोनों नेता अन्य विकल्प पर भी जा सकते हैं।

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कौन नाराज
सूत्रों ने बताया कि पार्टी के जिन सांसदों ने त्रिवेंद सिंह रावत की कार्यशैली के खिलाफ नाराजगी दिखाई, उनमें केंद्रीय मंत्री और हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, नैनीताल सांसद अजय भट्ट, राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी और नरेश बंसल प्रमुख हैं। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेम अग्रवाल भी बीजेपी नेता के तौर पर त्रिवेंद सिंह रावत से नाराज रहते हैं। महाराष्ट्र गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी भी बीजेपी नेता के तौर पर त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ राय रखते हैं।

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सूत्रों की मानें तो विधायकों में कम से कम तकरीबन आधे विधायक नेतृत्व बदलने के पक्ष में हैं। रायशुमारी के बाद केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर गए डा. रमन सिंह और दुष्यंत गौतम ने पार्टी आलाकमान को  फीडबैक दे दिया है। 

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क्या है मामला?
दरअसल उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार सहित कुछ बातों को लेकर प्रदेश भाजपा विधायकों में असंतोष की बातें गाहे बगाहे उठती रही हैं लेकिन प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों ने शनिवार शाम तब जोर पकड़ लिया जब भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी मामलों के उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार सिंह देहरादून पहुंचे और कोर ग्रुप की बैठक हुई।

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राज्य पार्टी कोर ग्रुप की यह बैठक पहले से प्रस्तावित नहीं थी और यह ऐसे समय बुलाई गई जब प्रदेश की नई बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में राज्य विधानसभा का महत्वपूर्ण बजट सत्र चल रहा था। बैठक की सूचना मिलने पर मुख्यमंत्री रावत को तुरंत गैरसैंण से वापस देहरादून आना पड़ा। आनन-फानन में बजट पारित करा कर सत्र भी अनिश्चितकाल के लिए समाप्त कर दिया गया और भाजपा विधायकों को भी तत्काल गैरसैंण से देहरादून बुला लिया गया।

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दो घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कोर ग्रुप की बैठक में राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, टिहरी से लोकसभा सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह,पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट, प्रदेश पार्टी अध्यक्ष बंशीधर भगत, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक सहित राज्य संगठन के भी कई नेता मौजूद रहे। पार्टी सूत्रों ने बताया कि रमन सिंह ने कोर ग्रुप की बैठक में मौजूद हर सदस्य से अलग-अलग बातचीत की।

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