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भारत में कब खत्म होगी कोरोना की दूसरी लहर? जानिए एक्सपर्ट का जवाब

जमील ने बताया, "पहली लहर में हमने देखा कि मामलों में सतत कमी आ रही थी। लेकिन याद रखें कि इस साल हमारे यहां संक्रमित लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। 96,000 या 97,000 मामलों की जगह, इस बार हमारे यहां एक दिन में 4,00,000 से अधिक मामले आए हैं। इसलिए इसमें लंबा वक्त लगेगा।"

When will second wave of Coronavirus end in India भारत में कब खत्म होगी कोरोना की दूसरी लहर? जानिए ए- India TV Hindi Image Source : PTI भारत में कब खत्म होगी कोरोना की दूसरी लहर? जानिए एक्सपर्ट का जवाब

नई दिल्ली. प्रतिष्ठित विषाणु विज्ञानी शाहिद जमील ने मंगलवार को कहा कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर धीमी पड़ती हुई लग रही है, लेकिन संभवत: यह पहली लहर से ज्यादा लंबी चलेगी और जुलाई तक जारी रह सकती है। जमील अशोक विश्वविद्यालय में त्रिवेदी स्कूल ऑफ बायोसाइंस के निदेशक हैं। इंडियन एक्सप्रेस द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन कार्यक्रम में जमील ने कहा कि कोविड की दूसरी लहर अपने चरम पर पहुंच गयी है, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।

जमील ने कहा, "संक्रमण के मामले भले ही कम हो गए हों, लेकिन बाद की स्थिति भी आसान नहीं होने वाली। संभवत: यह ज्यादा लंबी चलेगी और जुलाई तक जारी रह सकती है। इसका अर्थ यह हुआ कि मामलों में कमी आने के बावजूद हमें रोजाना बड़ी संख्या में संक्रमण से निपटना होगा।"

वैज्ञानिक के अनुसार, कोविड-19 की दूसरी लहर में मामले पहली लहर की तरह आसानी से कम नहीं होंगे। जमील ने बताया, "पहली लहर में हमने देखा कि मामलों में सतत कमी आ रही थी। लेकिन याद रखें कि इस साल हमारे यहां संक्रमित लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है। 96,000 या 97,000 मामलों की जगह, इस बार हमारे यहां एक दिन में 4,00,000 से अधिक मामले आए हैं। इसलिए इसमें लंबा वक्त लगेगा।"

उनके विचार में भारत में मृत्यु दर के आंकड़े पूरी तरह गलत हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा किसी व्यक्ति, समूह या राज्य की गलत मंशा के कारण नहीं है। बल्कि हम जिस तरह से रिकॉर्ड रखते हैं, यह उसके कारण है।"

भारत में दूसरी लहर क्यों आयी, इस पर चर्चा करते हुए जमील ने कहा कि लगातार कहा जा रहा था कि भारत कुछ खास है और यहां के लोगों में विशेष रोग प्रतिरोधक क्षमता है। उन्होंने कहा, "आपको पता है, बचपन में हमें बीसीजी का टीका लगा था। हमें मलेरिया होता है। इस तरह तमाम तर्क आते रहे हैं।" बीसीजी का टीका क्षयरोग (टीबी) से बचाव के लिए लगाया जाता है।

उन्होंने कहा कि लोगों ने कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन ना करके संक्रमण को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा, "दिसंबर आते-आते मामले कम होने लगे, हमें (रोग प्रतिरोधक क्षमता पर) यकीन होने लगा। जनवरी, फरवरी में कई शादियां हुईं जिनमें बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। ऐसे आयोजन हुए जिनसे संक्रमण तेजी से फैला।" उन्होंने चुनावी रैलियों, धार्मिक आयोजनों को भी इस श्रेणी में रखा।

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