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Hindi News भारत राष्ट्रीय महात्मा गांधी को था शक, इस मंदिर में नहीं घुस पाएंगे ‘निम्न जाति के हिंदू’

महात्मा गांधी को था शक, इस मंदिर में नहीं घुस पाएंगे ‘निम्न जाति के हिंदू’

महात्मा गांधी को तत्कालीन त्रावणकोर रियासत में ऐतिहासिक मंदिर प्रवेश उद्घोषणा की सफलता को लेकर संदेह था। इस शासनादेश के जरिए तथाकथित निम्न जाति के हिंदुओं को रियासत के मंदिरों में प्रवेश की अनुमति दी गई थी

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तिरुवनंतपुरम: महात्मा गांधी को तत्कालीन त्रावणकोर रियासत में ऐतिहासिक मंदिर प्रवेश उद्घोषणा की सफलता को लेकर संदेह था। इस शासनादेश के जरिए तथाकथित निम्न जाति के हिंदुओं को रियासत के मंदिरों में प्रवेश की अनुमति दी गई थी। महात्मा गांधी द्वारा लिखे गए एक लेख में यह बात सामने आई है।

इस वक्त जब केरल में इस उद्घोषणा के 81 वर्ष पूरे होने वाले हैं, 12 दिसंबर,1936 को लिखा गया एक लेख सामने आया है जिसमें गांधी जी ने स्वीकार किया था वह इस महान और व्यापक सुधार से जुड़े संदेह को दबा नहीं पाए थे और दबाना नहीं चाहते थे।

शासनादेश पारित होने के एक महीने के भीतर प्रकाशित हुआ उनका लेख गॉड इज ग्रेट में उन्होंने कहा कि इस कदम की सफलता पर मिले एक टेलीग्राम ने उनकी सभी चिंताओं पर विराम लगा दिया। गांधी जी ने लिखा कि उनका ख्याल था कि कहीं यह कदम एक और खामियों और शंकाओं से भरा राजनीतिक दस्तावेज न बन जाए।

उन्होंने लेख में आगे स्पष्ट किया कि उनका संदेह केवल इस कदम से पड़ने वाले प्रभाव को लेकर था और यह त्रावणकोर के राजा और उनके सुधारक दीवान के ईमानदार इरादों को लेकर नहीं था।

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