नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) बनाम राज्य सरकार का जैसा संकट पश्चिम बंगाल में देखने को मिल रहा है, वह ऐसा पहला मामला नहीं है, करीब 22 साल पहले बिहार में भी राज्य सरकार और जांच एजेंसी के टकराव का मामला सामने आया था और उस समय CBI को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को गिरफ्तार करने के लिए सेना की मदद मांगनी पड़ी थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1997 में उस समय के सीबीआई सह निदेशक यू एन बिस्वास चारा घोटाले की जांच कर रहे थे और उन्हें घोटाले के मुख्य आरोपी लालू प्रसाद यादव को गिरफ्तार करना था। उस समय बिहार में भले ही लालू यादव मुख्यमंत्री नहीं थे लेकिन उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री के पद पर बिठाया हुआ था। सीबीआई सह निदेशक को लालू यादव को गिरफ्तार करने के लिए स्थानीय पुलिस से सहयोग नहीं मिल रहा था और मजबूर होकर उन्हें सेना की मदद मांगनी पड़ी।
हालांकि सेना के अफसर ने उस समय कहा था कि सेना सिर्फ अधिकृत सिविल अथॉरिटीज के अनुरोध पर ही मदद मुहैया कराती है और इस मामले में आगे सेना मुख्यालय के निर्देश पर ही कार्रवाई होगी। यानि मामले में सेना ने सीबीआई की मदद नहीं की थी। हालांकि बाद में सीबीआई ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सीबीआई के सह निदेशक यू एन विस्वास ने लालू यादव को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की।
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