Corona Vaccination: 500 रुपए देने होंगे और वोटर आईडी और पैन कार्ड दिखाना होगा? जानिए सच्चाई
व्हाट्सएप मैसेज पर दावा किया जा रहा है कि 1 मार्च से लागू होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन पॉलिसी के अनुसार वैक्सीन के लिए आपको लगभग 500 रुपए देने होंगे।
नई दिल्ली। COVID-19 टीकाकरण अभियान की नयी पॉलिसी को लेकर इंस्टैंट मैसेजिंग एप व्हाट्सएप पर एक मैसेज में कई दावे किए जा रहे हैं। व्हाट्सएप मैसेज पर दावा किया जा रहा है कि 1 मार्च से लागू होने वाले कोरोना वैक्सीनेशन पॉलिसी के अनुसार वैक्सीन के लिए आपको लगभग 500 रुपए देने होंगे। दावे में कहा जा रहा है कि प्रत्येक दिन 40 प्रतिशत वैक्सीनेशन उनका होगा जिन्होंने पहले से रजिस्ट्रेशन करा रखा है और बाकी 60 प्रतिशत उन लोगों के लिए रिजर्व रहेगा जो सीधे वैक्सीनेशन केंद्र पहुंचेंगे। हालांकि, यहां उनका रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। वहीं व्हाट्सएप पर मैसेज में ये भी कहा जा रहा है कि 60 साल से ऊपर के लोगों वोटर आईडी कार्ड और पैन कार्ड ले जाना होगा।
जानिए दावे का क्या है सच
केंद्र सरकार की एजेंसी प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक टीम ने व्हाट्सएप पर वायरल मैसेज के सच को सबके सामने ला दिया है। पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा है कि ये दावे भ्रामक हैं। टीकाकरण अभियान से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी पत्र का सहारा ले सकते हैं। आप यहां क्लिक करके पूरा पत्र हिंदी में पढ़ सकते हैं।
1 मार्च से शुरू हो रहा है कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण
देश में कोरोना वैक्सीन का दूसरा चरण आगामी 1 मार्च से शुरू हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक, देशव्यापी वैक्सीनेशन के दौरान 60 साल से ऊपर की उम्र वालों को वैक्सीन लगाई जाएगी। हालांकि 45 से 60 साल के बीच के लोगों को भी वैक्सीन की खुराक दी जाएगी लेकिन इस एज ग्रुप के उन्हीं लोगों को वैक्सीन मिलेगी जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। मालूम हो कि देश में कोरोना वैक्सीन की शुरुआत 16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी।
जानिए कैसे करें रजिस्टर
1 मार्च से शुरू हो रहे वैक्सीनेशन के लिए आप रजिस्ट्रेशन 3 आसान तरीकों से करा सकते हैं। पहला तरीका सेल्फ रजिस्ट्रेशन का है। आप Co-WIN 2.0 ऐप डाउनलोड करके या आरोग्य सेतु ऐप के जरिए 28 फरवरी के बाद रजिस्टर कर सकते हैं। फिलहाल सरकार Co-WIN 2.0 ऐप को अपडेट कर रही है। ऐप अपडेट होने के बाद आपको इसमें सरकारी और प्राइवेट कोविड वैक्सीन सेंटर्स नजर आएंगे। इसमें आपको शेड्यूल और अन्य अहम जानकारियां नजर आएंगी।
इसके अलावा ऑन साइट रजिस्ट्रेशन यानी वैक्सीन सेंटर पर भी जाकर आप खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। यह सुविधा उन लोगों के लिए है जिनके पास स्मार्टफोन या इंटरनेट नहीं है। एडवांस में रजिस्टर नहीं कर सके लोगों को भी यह सुविधा मिलेगी।
इसके अलावा राज्य और केंद्र शासित प्रदेश भी वैक्सीनेशन के लिए कुछ लोगों को रजिस्टर करेगा। इनमें वो लोग शामिल होंगे जिनका चुनाव प्रशासन खुद करेगा। इसमें आशा, एएनएम वर्कर्स, पंचायती राज के प्रतिनिधि, महिलाओं के सेल्फ हेल्प ग्रुप्स शामिल होंगे।
साथ ले जाने होंगे ये कागजात
कोरोना वैक्सीन की खुराक लेने वाले लोगों को एक फोटो आईडी दस्तावेज अपने साथ ले जाना आवश्यक है। इनमें आधार कार्ड, वोटर आईडी शामिल है। इसके अलावा 60 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक और विशेष बीमारियों के साथ 45 से 59 वर्ष के आयु वर्ग में आने वाले लोगों को वैक्सीन की खुराक लेने के लिए गंभीर बीमारी से पीड़ित होने के साक्ष्य भी दिखाने होंगे। यह रजिस्टर्ड डॉक्टर्स की तरफ से प्रमाणित होना चाहिए। वैक्सीन की पहली खुराक और दूसरी (अंतिम खुराक) मिलने के बाद लाभार्थियों के लिए एक क्यूआर कोड जेनरेट किया जाएगा। इसे एमसएमएस लिंक के जरिए डाउनलोड किया जा सकता है। वैक्सीन की खुराक मिलने का सर्टिफिकेट कोविड वैक्सीन सेंटर्स से भी लिया जा सकता है।
सरकारी सेंटर्स पर मुफ्त में मिलेगी वैक्सीन
सरकारी वैक्सीन सेंटर्स पर वैक्सीन की खुराक मुफ्त में मिलेगी। हालांकि प्राइवेट अस्पतालों पर वैक्सीन की खुराक के बदले दाम चुकाने होंगे। इस दौरान उन्हें फोटो आईडी, उम्र संबंधि दस्तावेज और जरूरत पड़ने पर गंभीर बीमारी से पीड़ित होने संबंधी साक्ष्य भी दिखाना होगा। प्राइवेट अस्पतालों में लगने वाली वैक्सीन के दाम कुछ दिनों में सरकार की तरफ से तय कर दिए जाएंगे।
आरोग्य सेतु से भी हो सकेगा रजिस्ट्रेशन
वैक्सीन लेने वाले लाभार्थी कोविन 2.0 ऐप के अलावा आरोग्य सेतु से भी खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। इसके अलावा सरकार अस्पताल और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिये भी रजिस्ट्रेशन करवाने का मौका देगी। वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन पूरी तरह फ्री होगा। बता दें कि 45 साल से अधिक उम्र के दूसरी बीमारियों के मरीजों को रजिस्ट्रेशन के समय मेडिकल सर्टिफिकेट पेश करना होगा, जिसमें उनकी बीमारी की जानकारी होनी चाहिए।