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Whats App जासूसी पर चर्चा को लेकर संसद की समिति के सदस्यों की बंटी राय, मतदान से हुआ फैसला

सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समिति के सदस्यों की राय इस मुद्दे पर बंटी नजर आई। भाजपा सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा का विरोध कर रहे थे जबकि लोजपा और वाईएसआरसीपी समेत अन्य चर्चा कराये जाने के पक्ष में थे।

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नई दिल्ली। व्हाट्सऐप जासूसी मुद्दे पर चर्चा को लेकर संसद की एक समिति की बैठक में बुधवार को तीखी बहस हुई और इसके बाद हुए मतदान में इस विवादास्पद मामले पर चर्चा कराये जाने का समर्थन किया गया। व्हाट्सऐप जासूसी मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए या नहीं, इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसद की एक स्थायी समिति की बैठक हुई।

सूत्रों ने बताया कि सूचना प्रौद्योगिकी मामले की स्थायी समिति के सदस्यों की राय इस मुद्दे पर बंटी नजर आई। भाजपा सदस्य इस मुद्दे पर चर्चा का विरोध कर रहे थे जबकि लोजपा और वाईएसआरसीपी समेत अन्य चर्चा कराये जाने के पक्ष में थे।

सूत्रों ने बताया कि समिति के सदस्यों की राय अलग-अलग होने के कारण मतदान कराया गया और परिणाम बराबर रहा। इसके बाद समिति के अध्यक्ष थरूर का वोट महत्वपूर्ण रहा और उन्होंने चर्चा कराये जाने का पक्ष लिया। इससे पहले उन्होंने एक सदस्य के रूप में वोट किया और नियम, समिति के प्रमुख को परिणाम बराबर रहने की स्थिति में फिर से मतदान करने की अनुमति देते है।

इलेक्ट्रॉनिक और सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव अजय कुमार साहनी ने डाटा सुरक्षा के मुद्दे पर समिति के सामने प्रस्तुति दी। थरूर ने भारतीय नागरिकों की जासूसी के लिए प्रौद्योगिकी के कथित इस्तेमाल का उल्लेख करते हुए समिति के सदस्यों को पत्र लिखा था।

उन्होंने कहा था कि यह ‘गंभीर चिंता’ का विषय है। हाल ही में व्हाट्सऐप ने कहा था कि इजरायली स्पाइवेयर ‘पिगासस’ का इस्तेमाल करके दुनिया भर में बहुत लोगों की जासूसी की गई जिनमें भारत के कई सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार शामिल हैं।

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