Exclusive: परिवार के 6 लोगों को एक साथ हुआ था कोरोना, लेकिन सभी इस वायरस को हराने में हुए कामयाब
रोहित कपूर ने इंडिया टीवी को बताया कि जब वे यूरोप की यात्रा पर थे तो उनमें कोरोना वायरस के लक्ष्ण आना शुर हो गए थे, गले में दर्द हो रहा था और हल्का बुखार आ रहा था, लेकिन ध्यान नहीं दिया और सामान्य दवाएं लेते रहे।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में भय का माहौल है और भारत में इस वायरस का डर पूरे देश में फैला हुआ है। लेकिन भारत का एक परिवार इस डर को हराने में कामयाब हुआ है। आगरा के एक परिवार के 6 सदस्य एक साथ कोरोना वायरस की गिरफ्त में आए थे और सभी सदस्य इस वायरस को हराने में कामयाब हुए और अब अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। इंडिया टीवी ने इस परिवार के उस सदस्य रोहित कपूर से बात की जिसकी वजह से पूरा परिवार कोरोना वायरस की वजह से संक्रमित हुआ था।
यूरोप संक्रमित होकर आए थे रोहित!
रोहित कपूर ने इंडिया टीवी को बताया कि वे 18 फरवरी से यूरोप की यात्रा पर गए थे जहां सबसे पहले वे इटली पहुंचे और वहां से हंगरी, एम्स्टर्डम और आइसलैंड की यात्रा की। रोहित के साथ उनके रिश्तेदार भी यूरोप गए हुए थे और जब रोहित 1 मार्च को दिल्ली पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके रिश्तेदार का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। इसके बाद रोहित ने भी अपना और अपने परिवार के 11 सदस्यों का टेस्ट करवाया तो पता चला कि उनके साथ परिवार के 6 सदस्यों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव है।
सामान्य फ्लू जैसे ही लक्षण
रोहित कपूर ने इंडिया टीवी को बताया कि जब वे यूरोप की यात्रा पर थे तो उनमें कोरोना वायरस के लक्ष्ण आना शुर हो गए थे, गले में दर्द हो रहा था और हल्का बुखार आ रहा था, लेकिन ध्यान नहीं दिया और सामान्य दवाएं लेते रहे। रोहित ने बताया कि उन्हें कोरोना वायरस के फ्लू और सामान्य फ्लू के लक्ष्णों में ज्यादा अंतर नजर नहीं आया लेकिन उन्हें बार-बार प्यास लगती रहती थी। लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि बार-बार प्यास लगना कोरोना वायरस का संकेत है।
दिल्ली में हुआ पूरे परिवार का उपचार
रोहित कपूर ने बताया कि उन्हें और उनके परिवार के बाकी सदस्यों को कोरोना वायरस के उपचार के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती किया गया और वहां पर सभी को अलग-अलग रखा गया। उन्होंने बताया कि 14 दिन तक वे अपने परिवार के साथ सिर्फ अपने मोबाइल के साथ संपर्क में थे, सभी दवाएं और खाना अस्पताल में ही दिया जा रहा था।
6-7 दिन में दिखने लगे थे रिकवरी के संकेत
इंडिया टीवी से बात करते हुए रोहित कपूर ने बताया कि कोरोना वायरस के इलाज के दौरान उन्हें 6-7 दिन में ही रिकवरी के संकेत दिखने लग गए थे, शरीर में दर्द था जो धीरे-धीरे खत्म हो गया। रोहित ने बताया कि 14 दिन बाद उनके और अस्पताल में भर्ती परिवार के सभी सदस्यों के 2 टेस्ट हुए जो निगेटिव आए और उसके बाद उन्होंने उन्हें और उनके परिवार के बाकी सदस्यों को डिस्चार्ज कर दिया गया। रोहित ने बताया कि पहले डॉक्टरों ने कहा था कि 28 दिन तक रखेंगे, लेकिन बाद में उन्होंने 14 दिन में ही डिस्चार्ज करने का फैसला किया।
घबराएं नहीं सावधान रहें
रोहित कपूर ने इंडिया टीवी के साथ अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि कोरोना वायरस से सावधान रहने की जरूरत है और घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं है। रोहित ने बताया कि उनके परिवार में छोटी उम्र से लेकर बड़ी उम्र के लोग इस वायरस को हराकर ठीक हुए हैं और घर वापस लौटे हैं। रोहित ने बताया कि उनके पिता की उम्र 72 वर्ष है और वे भी पॉजिटिव थे लेकिन पूरी तरह से ठीक होकर आ गए, वहीं दूसरी तरफ उनके भतीजे की उम्र 15 साल है वह भी ठीक होकर आ गया। रोहित ने कहा कि अगर दुर्भाग्य से कोई कोरोना वायरस की चपेट में आता भी है तो वह घबराए नहीं और इधर-उधर जाने के बजाए तुरंत अस्पताल में भर्ती हो जाए।