फांसी से पहले 14 दिन क्या करेंगे निर्भया के दोषी?
आज से 14 दिन बाद निर्भया के चारों कातिलों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को फांसी पर लटका दिया जाएगा। मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के डेथ वॉरंट जारी कर दिए।
नई दिल्ली: सात साल बाद आज एक तारीख मुकर्रर हुई है, एक वक्त मुकर्रर हुआ है...यह तारीख है 22 जनवरी और वक्त सुबह 7 बजे। जगह होगी तिहाड़ जेल.. अगर कोई कानूनी रोड़ा नहीं लगा तो आज से 14 दिन बाद निर्भया के चारों कातिलों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को फांसी पर लटका दिया जाएगा। मंगलवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों के डेथ वॉरंट जारी कर दिए। इस डेथ वॉरंट के 14 दिन बाद यानि 22 जनवरी को सुबह 7 बजे चारो दोषियों को फांसी दे दी जाएगी। डेथ वॉरंट जारी होने के बाद अब दोषियों को 14 दिन का समय दिया जाएगा, 14 दिन के अंदर उनके रिश्तेदार उनसे मिलेंगे और उनसे उनकी अंतिम इच्छा पूछी जाएगी बाद में 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दे दी जाएगी। लेकिन आइए जानते है फांसी से 14 दिन पहले निर्भया के दोषी क्या करेंगे?
तिहाड़ जेल के पूर्व पीआरओ सुनील गुप्ता ने बताया कि कोर्ट ने जो समय और तारीफ फिक्स की है उसके बाद दोषियों की घरवालों और दोस्तों से मुलाकात कराई जाएगी। उन्होंने बताया, ''चारों दोषियों के रिश्तेदारों को सूचित किया जाएगा, अगर मिलना चाहते हैं तो मिल सकते हैं। कई बार मिलने वालों की संख्या बहुत ज्यादा होती है, एक बार दो कैदियों को एक साथ फांसी होनी थी और उनसे मिलने के लिए उनका पूरा गांव आ गया था, उस समय पूरे गांव को मिलने दिया गया था।''
साथ ही उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट में कहा गया है कि अगर मिलने वालों के पास पैसे नहीं हो तो उसके पैसे भी जेल सुप्रीडेंट देंगे। 22 जनवरी को अगर फांसी होती है तो सुप्रीटेंडेंट जेल, डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट और मेडिकल ऑफिसर का वहां होना जरूरी होता है। इससे पहले उनसे पूछा जाएगा कि अगर कोई प्रॉपर्टी है तो उसे किसके नाम करोगे। उनके कहे अनुसार संपत्ति को सुपुर्द किया जाता है।
गौरतलब है कि दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आज चारों दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर दिया है। एडिशनल सेशन जज सतीश कुमार अरोड़ा ने फैसला सुनाया है। सभी चारों दोषियों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी दी जाएगी। जिस वक्त कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, उस समय कोर्ट रूम में सिर्फ जज, जेल के अधिकारी और वकील ही मौजूद थे।