नई दिल्ली. देश में लगातार बढ़ता प्रदूषण एक बहुत बड़ी समस्या है। प्रदूषण की वजह से लोगों की कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। केंद्र सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों का दावा है कि वो प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार कदम उठा रहे हैं। केंद्र की मोदी सरकार का दावा है कि उसने प्रदूषण को कम करने के लिए कई अहम फैसलों को जमीन पर उतारा है, जिनमें ईस्टर्न और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का निर्माण शामिल है। इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से दिल्ली से गुजरने वाले 6 हजार हैवी वाहन राजधानी के बाहर से ही निकल जाते हैं।
आइए आपको बतातें है मोदी सरकार द्वारा लिए गए कुछ अन्य फैसले
- बदरपुर पॉवर प्लांट को बंद किया गया, जिससे प्रदूषण कम हुआ।
- 65000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ BS-VI मानक अनुरूप वाहनों और ईंधन लागू किया गया, जिससे वाहनों का प्रदूषण काफी हद तक हुआ।
- पराली को काटने के लिए पंजाब और हरियाणा के किसानों को 65 हजार करोड़ रुपये की मशीनें दी गईं, जिससे पराली जलाने की वजह से होने वाला प्रदूषण 15 से 20 फीसदी कम हुआ।
- दिल्ली एनसीआर के 2800 brick klins में zig-zag technology की शुरुआत, जिससे एनसीआर में प्रदूषण कम हुआ।
- एनसीआर की 2600 कंपनियों को पीएनजी की सुविधा उपलब्ध करवाई गई।
- साल 2016 में पहली बार Construction and Demolition Waste Management नियम लाए गए, जिससे प्रदूषण कम हुआ। तीन कारखाने निर्माण कचरे से सड़क के किनारे टाइल और डिवाइडर का उत्पादन करते हैं।
- तीन बिजली संयंत्र दिल्ली में कचरे के प्रसंस्करण से 57 मेगावाट बिजली का उत्पादन कर रहे हैं।
- डीडीए द्वारा सैकड़ों धूल दबाने वाले और पानी के छिड़काव वाले वाहन उपलब्ध कराए गए हैं।
- एनसीआर में पेट्रोल और डीजल के सभी रिटेल आउटलेट में Vapour recovery system पूरा हुआ।
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