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Hindi News भारत राष्ट्रीय ‘ब्लू व्हेल’ ने भारत में बनाया किशोर को अपना शिकार, अब तक ले चुका है 250 बच्चों की जान

‘ब्लू व्हेल’ ने भारत में बनाया किशोर को अपना शिकार, अब तक ले चुका है 250 बच्चों की जान

रूस के एक व्यक्ति द्वारा बनाया गया यह खेल अब तक कई मासूमों की जान ले चुका है। ब्लू व्हेल ने अब तक रूस में 130, कोलंबिया में 3, अमेरिका में 2, केन्या में 2, भारत में 1, सऊदी अरब में 1 और बाकी दुनिया में 108 लोगों को अपना शिकार बना चुकी है।

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नई दिल्ली: क्या कोई गेम ऐसा भी हो सकता है जो बच्चों की जान ले ले? क्या किसी गेम में ऐसी भी कोई स्टेज हो सकती है जिसके चलते बच्चे अपनी जान देने को मजबूर हो जाएं? ये सुनने में अजीब ज़रूर है लेकिन है बिल्कुल सच। ब्लू व्हेल नाम का एक ऐसा ही गेम है जिसने ना जाने अब तक दुनिया में कितने मासूमों की ज़िंदगी को ख़त्म कर दिया है लेकिन अब इस गेम की दहशत भारत में भी पहुंच चुकी है। ये भी पढ़ें: दलालों के चक्कर में न पड़ें 60 रुपए में बन जाता है ड्राइविंग लाइसेंस

मुंबई में 14 साल के एक बच्चे ने बिल्डिंग से कूदकर सुसाइड कर लिया और माना जा रहा है कि ये सब हुआ इसी क़ातिल ब्लू व्हेल गेम की वजह से।  ब्लू व्हेल गेम के चलते भारत में किसी की जान जाने का ये पहला मामला है। पुलिस ने बताया कि नौवीं कक्षा के छात्र ने शनिवार को शाम करीब पांच बजे उपनगर अंधेरी के शेर ए पंजाब क्षेत्र में एम्पायर हाइट्स सोसाइटी की पांचवीं मंजिल से कूदकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। घटना के समय इमारत के पास खड़े एक व्यक्ति ने पुलिस को इस बारे में अलर्ट किया था। पुलिस इस घटना के कारण खोजने में जुटी है और यह पता कर रही है कि क्या इसका किसी तरह से संबंध ऑनलाइन गेम से है।

ये भी पता चला है कि 9वीं में पढ़ने वाले उस बच्चे ने खुदकुशी से पहले अपने इरादे के बारे में दोस्तों को सोशल साइट पर बताया था। बच्चे ने अपने दोस्तों को ये भी बताया था, 'एक अंकल मुझे हटने के लिए बोल रहे हैं। जैसे ही वे हटेंगे, मैं कूद जाऊंगा।' और हुआ भी यही। जांच में यह मामला सही साबित हुआ तो ‘ब्लू व्हेल’ के कारण भारत में होने वाली यह पहली मौत होगी।

रूस के एक व्यक्ति द्वारा बनाया गया यह खेल अब तक कई मासूमों की जान ले चुका है। ब्लू व्हेल ने अब तक रूस में 130, कोलंबिया में 3, अमेरिका में 2, केन्या में 2, भारत में 1, सऊदी अरब में 1 और बाकी दुनिया में 108 लोगों को अपना शिकार बना चुकी है।

अगर मुम्बई का यह मामला सही साबित हुआ तो भारत में ये पहला मामला होगा जहां इस खेल की वजह से किसी ने अपनी जान गंवाई है। यही वजह है कि अब स्कूल और कॉलेज और बच्चों के माता-पिता से अपने बच्चों के बदलते व्यवहार और इंटरनेट, मोबाइल पर दिन भर लगे रहने की उनकी आदतों पर नजर रखने पर ज़ोर दिया जा रहा है। बता दें कि पिछले साल 'पॉकेमॉन गो' नाम के गेम के चलते भी कई लोग दुर्घटना के शिकार हुए थे और उनकी जान गई थी।

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