मोदी राज में किसानों के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए, प्रधानमंत्री ने राज्यसभा में बताया
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2014 के बाद हमने परिवर्तन किए, फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाया ताकि छोटा किसान भी उसका फायदा उठा सके और बहुत मामूली रकम से यह काम शुरू किया और पिछले 4-5 साल में फसल बूीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपए उसके क्लेम किसानों को मिले हैं, कर्जमाफी से भी बड़ा आंकड़ा हो जाता है।
नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि चुनाव के समय हम कर्जमाफी में जुट जाते हैं, लेकिन कर्जमाफी में छोटा किसान उससे वंचित रह जाता है उसके हिस्से कुछ नहीं आता। हमने छोटे किसान के लिए कुछ नहीं किया भले ही राजनीति कर ली, जिसके पास बैंक खाता तक नहीं, वह कर्ज कहां से लेगा और उसको कर्जमाफई का फायदा भी नहीं मिलता। उसी तरह से पहले की फसल बीमा योजना क्या थी, एक प्रकार से वह बीमा बैंक गारंटी के तौर पर काम करता था वह भी छोटे किसान के लिए काम नहीं करता था।
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प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 2 हेक्टेयर से कम कितने किसान होंगे जो बैंक से लोन लेंगे, सिंचाई की सुविधा भी छोटे किसान को नसीब नहीं हुई, बड़े किसान तो बड़ा बड़ा पंप लगा देते थे, ट्यूबेल लगा लेते थे, बिजली ले लेते थे, बिजली भी मुफ्त मिल जाती थी उनका काम चल जाता था। छोटे के लिए दिक्कत होती थी वो तो कभी ट्यूबेल लगा ही नहीं सकता था, कभी कभी तो वह बड़े किसान से पानी खरीदता था। यूरिया, बड़े किसान को समस्या नहीं होती थी, छोटे किसान को लाइन में लगना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे।
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पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि साल 2014 के बाद हमने परिवर्तन किए, फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाया ताकि छोटा किसान भी उसका फायदा उठा सके और बहुत मामूली रकम से यह काम शुरू किया और पिछले 4-5 साल में फसल बूीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपए उसके क्लेम किसानों को मिले हैं, कर्जमाफी से भी बड़ा आंकड़ा हो जाता है। छोटे किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड, बड़े किसान तक क्रेडिट कार्ड गए और वे बैंक से कम ब्याज पर पैसे ले लेते थे और उनका कोई उद्योग धंधा व्यापार होता था वहां भी पैसे लग जाते थे, छोटे किसान तक इसका लाभ नहीं मिलता था पौने 2 करोड़ से ज्यादा किसानों तक यह पहुंच चुका है।
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उन्होंने आगे कहा कि उसी तरह प्रधानमंत्री सम्मान निधी योजना, सीधे किसान के खाते में, और यह गरीब किसान को, 10 करोड़ परिवारों को इसका लाभ मिल रहा है, अगर बंगाल में राजनीति आड़े नहीं आती तो वहां के किसान भी जुड़ जाते, अबतक 1.15 लाख करोड़ रुपए इन किसानों के खाते में गया। हमारी सब योजनाओं के केंद्र बिंदू में स्वालय हेल्थ कार्ड़ की बात कही। 100 प्रतिशत इसपर काम किया। यूरिया का नीम कोट 100 प्रतिशत किया ताकी गरीब से गरीब किसान तक यूरिया पहुंचे। छोटे और सीमांत किसानों के लिए पहली बार पेंशन की सुविधा लेकर आए। उसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, यह सिर्फ सड़क नहीं है बल्कि किसानों का जीवन सरल बनाता है। किसान रेल के कारण आज गांव का किसान रेल के माध्यम से मुंबई में अपनी फसल बेच रहा है। किसान उड़ान का लाभ किसानों को मिल रहा है।
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