पश्चिम बंगाल सरकार शासन के लगभग सभी मुद्दों पर विफल रही : सर्वे
पश्चिम बंगाल सरकार नेशासन से जुड़े लगभग सभी मुद्दों पर खराब प्रदर्शन किया है। इसमें मुख्यत: रोजगार के बेहतर मौके देना और कृषि कर्ज की उपलब्धता शामिल है।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल सरकार नेशासन से जुड़े लगभग सभी मुद्दों पर खराब प्रदर्शन किया है। इसमें मुख्यत: रोजगार के बेहतर मौके देना और कृषि कर्ज की उपलब्धता शामिल है। शुक्रवार को जारी किए गए एक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है। पश्चिम बंगाल सर्वेक्षण रिपोर्ट 2018 में यह भी कहा गया है कि तीन मुद्दे -- (सर्वेक्षण में शामिल 39.28 फीसदी लोगों ने) रोजगार के बेहतर मौके, कृषि कर्ज की उपलब्धता (35.86 फीसदी) और फसलों की ऊंची कीमत दिलाने (35.21 प्रतिशत) पर सरकार ने उपेक्षा बरती है जो राज्य के मतदाता की प्राथमिकता सूची में शीर्ष पर हैं।
वेस्ट बंगाल इलेक्शन वॉच (डब्ल्यूबीईडब्ल्यू) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने ‘शासन के मुद्दों और मतदान व्यवहार 2015’ पर संयुक्त रूप से सर्वेक्षण कराया है। इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट उस दिन जारी की गई है जब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में कहा है कि राज्य सरकार को कन्याश्री कार्यक्रम के तहत संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार मिला है। इस योजना को 2012 में शुरू किया गया था जिसका मकसद लड़कियों की शिक्षा में योगदान देना है। सर्वेक्षण में राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों को कवर किया गया है और करीब 21000 मतदाताओं से बात की गई है।
राज्य में मतदान व्यवहार पर किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, बड़ी संख्या में मतदाताओं ने कहा कि चुनाव में किसी प्रत्याशी को मत देने का सबसे अहम कारण मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार था। 38 फीसदी मतदाताओं का मानना था कि मुख्यमंत्री के चेहरे पर वोट देना अहम कारण था जबकि 46 प्रतिशत के लिए यह ‘बेहद अहम’ कारण था। इसके मुताबिक, 67 फीसदी ने कहा कि चुनाव के लिए नकद या तोहफे देना गैर कानूनी है जबकि 32 प्रतिशत ने कहा कि वह वोट के बदले में प्रलोभन की पेशकश के बारे में जानते हैं।