नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील ठुकराते हुए कहा है कि ममता ने कोई ईमानदार पहल नहीं की है इसलिए हम उनकी अपील को ठुकराते हुए प्रदर्शन जारी रखेंगे। इससे पहले ममता बनर्जी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए डॉक्टरों से ड्यूटी पर फौरन लौटने की अपील की थी। ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने डॉक्टरों की सभी मांगे मान ली तथा और मांगे मानने के लिए तैयार है लेकिन उन्हें काम पर लौटना चाहिए।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों से काम पर लौटने की मुख्यमंत्री की अपील के बाद जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमलोग ड्यूटी पर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से इसका (मौजूदा समस्या का) समाधान निकालने के लिये कोई ईमानदार पहल नहीं की गयी है।’’ प्रदर्शनरत जूनियर डॉक्टरों ने बनर्जी के उस दावे को भी खारिज किया कि उनके कुछ सहकर्मी उनसे मिलने के लिये राज्य सचिवालय गये थे।
उन्होंने कहा, ‘‘संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने जो कुछ भी कहा है उसमें कोई सच्चाई नहीं है। कोई भी जूनियर डॉक्टर उनसे मिलने के लिये नहीं गया था। वह दावा कर रही हैं कि हमलोग समाधान निकालने और बातचीत के खिलाफ हैं... लेकिन हम चाहते हैं कि वह नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पताल आयें और हमें सुनें तथा बीमार लोगों की सेवा के लिये जरूरी कदम उठायें।’’
उधऱ ममता बनर्जी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘शुक्रवार को मैंने पांच घंटे तक जूनियर डॉक्टरों के लिए इंतजार किया और आज मैंने उनके लिए अपने कार्यक्रम रद्द किए। आपको एक संवैधानिक संस्था का सम्मान करना चाहिए।’’ राज्य भर में बड़े पैमाने पर डॉक्टरों के इस्तीफे पर बनर्जी ने कहा कि यह कानूनी रूप से मान्य नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर जूनियर डॉक्टर सोचते हैं कि मैं अक्षम हूं तो वे हमेशा राज्यपाल या मुख्य सचिव या पुलिस आयुक्त से बात कर सकते हैं।’’
हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर आशंका जताते हुए राज्य सचिवालय में ममता बनर्जी के साथ शनिवार को बंद कमरे में बैठक का आमंत्रण ठुकरा दिया और कहा कि मुख्यमंत्री को गतिरोध दूर करने के उद्देश्य से खुले में चर्चा के लिए एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल आना चाहिए। (इनपुट-एजेंसी)
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