कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा है कि जो लोग उन पर मुसलमानों के तुष्टीकरण का आरोप लगाते हैं , वे न तो हिन्दुओं के मित्र हैं और न ही मुसलमानों के मित्र हैं। शनिवार को जहां पूरे देश ईद का त्योहार मना रहा है वहीं ममता ने मुस्लिम तुष्टीकरण पर अपनी बात रखी। ममता ने कहा, ‘‘कुछ लोग मुझ पर मुसलमानों के तुष्टीकरण का आरोप लगाते हैं। उनसे मेरा सवाल है कि क्या हिन्दुओं से प्यार करने का मतलब मुसलमानों से नफरत करना है। मैं सभी समुदायों और धर्मों का सम्मान करती हूं और उनसे प्यार करती हूं। देश हर किसी का है।’’
उन्होंने यहां रेड रोड पर ईद उल फित्र पर्व मनाने के लिए एकत्र हुए लोगों से कहा, ‘‘जो लोग यह कहते हैं कि मैं मुसलमानों का तुष्टीकरण करती हूं, वे न तो हिन्दुओं के मित्र हैं और न ही मुसलमानों के मित्र हैं।’’ भाजपा और कुछ अन्य संगठन आरोप लगाते रहे हैं कि ममता राजनीतिक फायदे के लिए मुसलमानों का तुष्टीकरण कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उनके विरोध की वजह से है कि नीति आयोग की जो बैठक आज होनी थी, वह अब कल होगी। उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र सरकार के अधिकारियों से मेरा सवाल है कि क्या उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि 16 जून को ईद मनाई जाएगी। नीति आयोग की बैठक इस दिन क्यों रखी गई? मैंने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि तारीख बदली जाए जिससे कि बैठक ईद के दिन न हो।’’
ममता ने कल इस बात की पुष्टि की थी कि वह नयी दिल्ली में नीति आयोग की 17 जून को पुनर्निर्धारित बैठक में शामिल होंगी। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के लिए पहले 16 जून की तारीख निर्धारित की गई थी, लेकिन इस दिन ईद होने के कारण इसकी तारीख बदलकर 17 जून कर दी गई। ममता तथा कुछ अन्य मुख्यमंत्रियों ने ईद के चलते 16 जून को इस बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई थी। इसके बाद बैठक की तारीख 17 जून कर दी गई।
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