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Hindi News भारत राष्ट्रीय पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने शनिवार शाम 5 बजे जूनियर डॉक्टर्स के साथ मीटिंग बुलाई, डॉक्टर्स ने निमंत्रण ठुकराया

पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ने शनिवार शाम 5 बजे जूनियर डॉक्टर्स के साथ मीटिंग बुलाई, डॉक्टर्स ने निमंत्रण ठुकराया

पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने के लिए 6 शर्तें रखी हैं साथ ही मांग की है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिना शर्त माफी मांगें।

West Begnal Doctors Strike- India TV Hindi Image Source : PTI West Begnal Doctors Strike
नई दिल्लीं : शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में एक बैठक के लिए आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों को आमंत्रित किया। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों इस आमंत्रण को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह  उनके आंदोलन को तोड़ने की एक चाल है। ममता बनर्जी ने यह मीटिंग सूबे के सभी राजकीय मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में पिछले चार दिनों से चल रही हड़ताल का हल निकालने के लिए बुलाई थी। वरिष्ठ चिकित्सक सुकुमार मुखर्जी ने कहा कि प्रदर्शनकारी चिकित्सक शुक्रवार  को मीटिंग के लिए नहीं पहुंचे। ममता बनर्जी ने उन्हें  फिर से शनिवार शाम 5 बजे राज्य के सचिवालय पर मीटिंग के लिए समय दिया है।
 
डॉक्टरों ने ममता को माफी मांगने कहा
पश्चिम बंगाल के अस्पतालों में हड़ताल कर रहे डॉक्टरों ने हड़ताल वापस लेने के लिए 6 शर्तें रखी हैं साथ ही मांग की है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बिना शर्त माफी मांगें। राज्य में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। हड़ताल के कारण सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों तथा कई निजी अस्पतालों में नियमित सेवा प्रभावित हो रही है। 
 
जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के प्रवक्ता डॉ अरिंदम दत्ता ने कहा, ‘‘एसएसकेएम हॉस्पिटल में कल जिस तरह से मुख्यमंत्री ने हमें संबोधित किया था, उसके लिए हम उनसे यह मांग करते हैं कि वह बेशर्त माफी मांगें। उन्हें वह नहीं कहना चाहिए था, जो उन्होंने कहा था।’’ ममता ने बृहस्पतिवार को एसएसकेएम हॉस्पिटल का दौरा किया था, जहां उन्होंने कहा कि बखेड़ा खड़ा करने के लिए बाहरी लोग मेडिकल कॉलेजों में घुसे थे और आंदोलन माकपा एवं भाजपा की साजिश है। 

आंदोलन वापस लेने के लिए शर्तें तय की

आंदोलनकारियों ने छह शर्तें गिनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अस्पताल जाकर घायल डॉक्टरों से मिलना चाहिए और उनके कार्यालय को उन पर (डॉक्टरों पर) हुए हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री के फौरन हस्तक्षेप की भी मांग करते हैं।’’ साथ ही सोमवार रात डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया करने में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ न्यायिक जांच के दस्तावेजी साक्ष्य भी मुहैया किया जाए। 

गौरतलब है कि एनआरएस मेडिकल कॉलेए एंड हॉस्पिटल में सोमवार रात एक रोगी के परिवार के सदस्यों ने दो जूनियर डॉक्टरों से मारपीट की थी। दरअसल, अस्पताल में इस रोगी की मौत हो गई थी। दत्ता ने कहा, ‘‘हम हमलावरों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी देने की मांग करते हैं।’’ उन्होंने आंदोलन के मद्देनजर जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के खिलाफ समूचे राज्य में दर्ज किए गए झूठे मामलों और आरोपों को बेशर्त वापस लेने तथा सभी मेडिकल कॉलेजों में सशस्त्र बल के कर्मियों को तैनात करने की भी मांग की। (इनपुट-एजेंसी)

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