नई दिल्ली: केंद्र और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच सातवें दौर की अहम वार्ता सोमवार को होगी। इससे पहले किसान आंदोलन पर रविवार को किसान नेताओं ने सिंघू बार्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। किसान नेता ओंकार सिंह ने कहा कि आज 37 वां दिन है, सरकार को अपनी जिद छोड़ देनी चाहिए। जब तक कानूनों को वापस नहीं लिया जाता, हम वापस नहीं जाएंगे। यह निराशाजनक है कि किसान अपनी जान गंवा रहे हैं। कई किसान ठंड से लड़ रहे हैं फिर भी सरकार इस स्थिती को गंभीरता से नहीं ले रही है।
वहीं किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि हम 13 जनवरी को कृषि कानूनों की प्रतियां जलाकर लोहड़ी मनाएंगे। उन्होनें कहा कि हम नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर 23 जनवरी को किसान दिवस मनाएंगे। भारतीय किसान यूनियन कादियां के प्रधान हरमीत सिंह ने कहा कि 13 जनवरी को हम कृषि क़ानूनों की कॉपियां जलाकर लोहड़ी के त्योहार को मनाएंगे। 6-20 जनवरी के बीच देशभर में किसानों के पक्ष में धरना-प्रदर्शन, मार्च आदि आयोजित किए जाएंगे। 23 जनवरी को आज़ाद हिन्द किसान दिवस मनाया जाएगा।
दिल्ली में सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन करते हुए किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि रविवार को संगरूर में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया। हम इसकी निंदा करते है। हम पंजाब सरकार को अवगत कराते हैं कि आपने अगर किसानों पर लाठीचार्ज बंद नहीं किए तो उनके खिलाफ पंजाब में मोर्चा खोला जाएगा।
किसान नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि हम सरकार के साथ कल की बैठक में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करेंगे। उन्होनें कहा कि यहां बारिश हो रही है, इसलिए हम वायरप्रूफ टेंट प्राप्त करने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही हम महिलाओं और बुजुर्गों के लिए कंबल और गर्म पानी की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं।
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